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________________ छोडकर पुनः लौट भी जाते हैं। ऐसी राग-द्वेष की इस निबिड ग्रन्थि का यदि भेदन हो जाय, उसे यदि तोड दिया जाय फिर तो आत्मा को मोक्ष के हेतुभूत सम्यक्त्व की प्राप्ति का अद्भुत लाभ होता है । और सचमुच आध्यात्मिक विकास के मार्ग में यही सबसे दुर्लभ - महा भगीरथ कार्य है । चित्त विघात परिश्रम आदि विघ्नों के कारण यह महाकार्य दुर्लभ बन जाता है । 1 जा गंठी ता पढमं, गंठी समइच्छओ भवे बीअं । अनियट्टिकरणं पुण, संमत्तपुरक्खडे जीवे ।। १२०३ ॥ १) इस भयंकर ग्रन्थिस्थान पर्यन्त आगमन के पूर्व प्रथम यथाप्रवृत्तिकरण करना पडता है । २) ग्रन्थिभेद करते समय अपूर्वकरण नामक दूसरा करण होता है। इसमें ग्रन्थिभेद करके अर्थात् राग-द्वेष की गांठ का छेदन - भेदन करके जीव सम्यक्त्वाभिमुख होता है । ३) इसके पश्चात् अत्यन्त विशुद्ध अध्यवसाय रूप तीसरा अनिवृत्तिकरण करके जीव तुरन्त सम्यक्त्व प्राप्त कर लेता है। ग्रन्थि के विषय में दृष्टान्त देते हुए कहते हैं कि कोई बैलगाडी चलती हो और हम यदि पास में से गुजर रहे हो उस समय बैलगाडी के पहिए की कीट रूप मल (काला तेल जैसा) यदि हमारे कपडे पर लग जाए तो ऐसा गाढ दाग पडता है कि धोने पर निकलना संभव नहीं रहता है। यहाँ तक कि हजार उपाय करने पर भी वह दाग नहीं निकलता है और कपडा फट जाने पर भी नहीं छूटता है ऐसी स्थिति स्पष्ट देखी गई है। इस काले दाग पर यदि धूल चूना आदि डालकर ढक दिया जाय, या दबा दिया जाय तो कब तक का हुआ रख सकते हैं ? थोडी देर के लिए छिपाया जा सकता है, परन्तु सदा के लिए नहीं । आखिर कभी न कभी तो निकालना ही श्रेयस्कर है। ऐसे गाढ मजबूत कीट दाग के जैसी स्थिति राग-द्वेष की गांठ की है। यह भी कर्म के मैल एवं दाग के समान आत्मा पर लगे हुए कर्मों का मैल जो भयंकर गाढरूप चिपका हुआ है, उसका भी दाग आत्मा पर लग जाता है । वह अत्यन्त गाढ निबिड राग-द्वेष की ग्रन्थिरूप बन जाता है । यह महामिथ्यात्व मोहनीयकर्म के जैसा भयंकर कर्म है। और यही मोक्ष की तरफ के विकास के मार्ग में अवरोधक-बाधक बनता है। आखिर कभी न कभी तो इस निबिड ग्रन्थिप्रदेश के समीप आकर इस ग्रन्थि का भेद करके आगे बढना ही चाहिए ५०२ आध्यात्मिक विकास यात्रा
SR No.002483
Book TitleAadhyatmik Vikas Yatra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunvijay
PublisherVasupujyaswami Jain SMP Sangh
Publication Year2007
Total Pages570
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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