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________________ धर्मिष्ठ संस्कारी-सभ्य के घर शादी-सगाई, नौकरी-भागीदारी आदि संबंध करने पर, संसर्ग में रहने पर... सत्संग के कारण मिथ्यात्वादि की तीव्रता-उग्रता की स्थिति की नोबत भी न आए। जिससे वृत्ति शान्त बनी रहे । धर्म के प्रसंग, आराधना-अनुष्ठानों के संसर्ग में बार-बार आने से वह जीव बहुत कुछ लाभ पा सकता है । अपना भी विकास साध सकता है । मिथ्यात्वादि भावों की अत्यन्त मन्दता आ जाती है । सर्वप्रथम विकास के श्रीगणेश में मिथ्यात्व की अत्यन्त मन्दता-मन्दतम स्थिति ही सहायक बनेगी । उपयोगी सिद्ध होगी। अपुनर्बंधक जीव की विशेषता यहाँ से जीव की आध्यात्मिक विकास यात्रा की शुभ शुरुआत होती है। मन्द मिथ्यात्वी बने हुए जीव कुछ शान्त होकर... आगे प्रगति शुरु करते हैं। ऐसे जीव १) राग-द्वेष की तीव्रता नहीं लाएंगे जिससे फिर उत्कृष्ट बंध स्थिति में जाना पडे । पाप तो करेंगे...पाप तो होते ही रहेंगे लेकिन... उसमें भी कारक तत्त्व राग-द्वेष में तीव्रता नहीं आएगी। मन्दता रहेगी। २) पापमय जो यह संसार है. इसकी प्रशंसा, सन्मान, या आदर भाव से इसकी अनुमोदना, आकांक्षा, प्राप्ति की तीवेच्छा नहीं करेगा । तथा उचित कर्तव्य करने योग्य जो भी कुछ होगा उसका आचरण जरूर करेगा। कर्तव्यपरायणता का लक्ष्य रहेगा। संसार को भोगता जरूर है, भोगेच्छा तृष्णा सब पडी है परन्तु तीव्रता का अभाव रहेगा। अनुचित प्रवृत्तियों का सेवन आचरण नहीं करेगा। न्यायप्रिय, सत्यप्रिय लक्ष्यवाला बनता है। . जैसा अचरमावर्ती जीव भवाभिनन्दी-पुद्गलानुरागी देहासक्त-देहरागी पापप्रिय रहता था वैसा चरमावर्तवर्ती अपुनर्बंधक जीव नहीं होता है । वह भवाभिनन्दी नहीं होता है। पुद्गलानुरागी देहानुरागी या पापप्रिय भी नहीं होता है । पू. हरिभद्रसूरि म. ऐसे जीवों के बारे में कहते हैं कि ये क्षीणप्राय कर्मवाले, विशुद्ध आशयवाले, भावसन्मानवाले होते हैं । भवाभिनन्दिता के अभाव में उनमें क्षुद्रता, लोभ की तीव्रता, दीनता, मात्सर्य, भय, शठता, अज्ञान आदि प्रायः सर्वथा नहींवत् अल्पतम होते हैं । औदार्य, दाक्षिण्य, पाप-जुगुप्सा, निर्मल बोध, जनप्रियतादि काफी अच्छी मात्रा में रहती है। सम्यक्त्व गुणस्थान पर आरोहण ४६७..
SR No.002483
Book TitleAadhyatmik Vikas Yatra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunvijay
PublisherVasupujyaswami Jain SMP Sangh
Publication Year2007
Total Pages570
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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