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अरियों-कर्मशत्रुओं का हनन करना या प्रकृष्ट नाश-प्रनाश करना आदि का आधार धर्म पर है । धर्म की तथाप्रकार की साधना से ही पापनाश संभव है । ऐसे कर्मनाशकारक धर्म के प्रवेश द्वार समान नमस्कार का स्वरूप है । 'नमो' पद उसी नमस्कार के अर्थ का द्योतक
अब आप ही सोचिए ! आत्मा पर लगे सेंकडों पाप कर्मों का क्षय-नाश करने का सामर्थ्य नमस्कार में है । प्रबल शक्ति नमस्कार में है । इसलिए इस महामन्त्र में नमस्कार की ही प्राधान्यता होने से नमस्कार(नवकार) महामन्त्र नामकरण किया है । अन्यथा अरिहंत मन्त्र, या सिद्धमन्त्र, या अन्य किसी भी नाम से नामकरण करते लेकिन वैसा न करते हुए नमस्कार महामन्त्र नाम रखा गया है । जब पाप कर्मों का इतना भयंकर स्वरूप है । ये इतने भारी कर्म है जो अनादि-अनन्त काल से आत्मा को संसार में परिभ्रमण कराते हैं । आत्मा को अपनी पक्कड में जकड कर रखा है। ऐसे कर्मशत्रु का सर्वथा.समूल नाश क्षय करने का सामर्थ्य जिसमें है, वैसा नमस्कार धर्म है । कर्म निर्जरा-क्षय करनेवाला और वह भी सामान्य नहीं प्रकृष्ट कक्षा की निर्जरा करानेवाला समर्थ-सशक्त नमस्कार “नमो धर्म" है । नमस्कार निर्जरा कारक धर्म है । और कर्मक्षयरूप निर्जरा की परंपरा में मोक्षफल की प्राप्ति होती है। अतः नमस्कार मोक्ष की प्राप्ति करानेवाला द्योतक है। ऐसा सामर्थ्य जिस नमस्कार का है, तथा ऐसा सुन्दर अद्भुत रहस्यार्थ जिसके पदों का है, ऐसे महामन्त्र नवकार को सही अर्थ में सच्चे अर्थ में समझकर उपासना साधना भी सही करनी चाहिए। मोक्षसाधक महामन्त्र- “नवकार -
निर्जराकारक “नमस्कार" और दो-दो पदों के रहस्यार्थ में कर्मक्षय का साध्य जिस महामन्त्र में है, उस नमस्कार महामन्त्र की उपासना मोक्षसाधक अर्थ में ही करनी चाहिए। यदि स्वरूप कर्मक्षय और मोक्षप्राप्ति का हो, और हम उपासना यदि अन्य हेतुओं के लिए करें तो पुनः साधना गलत-विपरीत सिद्ध होती है । विरुद्धाचरण का दोष ज्यादा लगेगा। कर्मक्षय-नाश कारक तथा मोक्षसाधक अन्य कोई भी उद्देश्य-साध्य या लक्ष्य बनाया जाय तो वह आत्मा को मोक्षफल से वंचित ही रखेगा। अतः ऐसे नवकार की महानता सिद्ध करने में नमो के मोक्षदायक फल, एवं कर्मक्षय कारक अर्थ का योगदान बहुत बड़ा है । ऐसे महामन्त्र का तुच्छफलों की प्राप्ति के लिए उपयोग करना भी तुच्छता है । संसार के उद्देश्यों को साधना, सांसारिक मनोकामनाएँ सिद्ध करने के लिए, या भौतिक-पौद्गलिक सुखों की प्राप्ति के लिए, या नगण्य गौण विघ्नों के, दुःखों के निवारण हेतु नवकार जैसे
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आध्यात्मिक विकास यात्रा