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को मनःपर्यवज्ञानी जानते हैं।
यह मनःपर्यवज्ञान सिर्फ मनुष्य गति में ही होता है। देव-नरक तथा तिर्यंच गति के जीवों को सर्वथा नहीं होता हैं। मनुष्य गति में भी सिर्फ गर्भज संज्ञि पंचेन्द्रिय पर्याप्ता कर्मभूमिज मनुष्यों में भी सिर्फ छट्टे-सातवें गुणस्थान वाले विशुद्ध चारित्रधारी साधु-मुनि-महात्मा को ही होता है। छठे से बारहवें गुणस्थान तक ही यह रहता है। तीर्थंकर भगवंतो को जन्म से मति-श्रुत और अवधि तीन ही ज्ञान होते हैं। चौथा ज्ञान जन्म से नहीं होता हैं, परंतु जब तीर्थंकर दीक्षा लेकर साधु बनते हैं कि उसी समय उनको चौथा मनःपर्यवज्ञान उत्पन्न होता है। तब तक नहीं जब तक साधु नहीं बनते हैं, यह गृहस्थ संसारी को नहीं होता है। सिर्फ संयमी साधु को ही होता है। साधु में भी विशुद्ध-निर्मल चारित्र की विशुद्धता वाले को ही होता है सभी को नहीं। यह विच्छेद गया हुआ होने के कारण वर्तमान में मनःपर्यवज्ञान किसी को नहीं है और किसी को होगा भी नहीं। केवलज्ञान :
अह सव्व दव्व परिणाम, भाव विन्नति कारणमणंतं । . सासयमप्पडिवाई, एगविहं केवलनाणं ।। ८२३ ।।
सर्व द्रव्यादि के परणाम की सत्ता को विशेष रूप में जानने वाला (जानने के कारण भूत) अनंत शाश्वत और अप्रतिपाती ऐसा केवलज्ञान है। यह एक प्रकार से ही है। इसके कोई प्रकार या भेद नहीं है । वर्णन किये गए चार ज्ञानों के बाद कोई ज्ञान का भेद नहीं है। यही अंतिम ज्ञान है। अंतिम प्रकार का ज्ञान है । ज्ञान की चरम सीमा केवलज्ञान है। केवलज्ञान में केवल शब्द का अर्थ है - 'बाह्याभ्यन्तर क्रियाविशेषान् यदर्थं केवन्ते तत्केवलम्' तत्त्वार्थ वार्तिककार कहते हैं कि-जिसके लिए बाह्य और आभ्यन्तर विविध प्रकार के तप तपे जाते हैं। वह लक्ष्य भूत केवलज्ञान है। केव धातु से केवन्ते अर्थात् सेवन्ते केवन्ते सेवन्ते तत्केवलम्' जो तपादि सेवे जाते हैं उससे उत्पन्न सिर्फ ज्ञान ही ज्ञान वह केवलज्ञान है । अध्युत्पन्नो वाङसहायार्थः केवल शब्दः' जैसे केवल अन्न ही खाता है। यहां केवल शब्द असहाय अर्थ में है। अर्थात् दूसरे किसी की सहायता नहीं है। सिर्फ अन्न ही खाता है,शाक रहित असहाय अन्न खाता है। उसी तरह - क्षायोपशमिक ज्ञानासंपृक्तम् असहायं केवलं इत्यव्युत्पन्नोऽयं शब्दो द्रष्टव्यः' अर्थात् क्षायोपशमिक आदि पहले के चार ज्ञानों की सहायता के बिना असहाय केवलज्ञान है। केवल ज्ञान ही ज्ञान है। केवल अर्थात् सिर्फ-पूर्ण संपूर्ण ज्ञान ही ज्ञान है । Only शब्द सिर्फ या केवल अर्थ में है। चेक या ड्राफ्ट पर जब Only शब्द लिखते हैं तब (२१३)
कर्म की गति नयारी