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४२ | विषय-सूची
(३) लोभवशभाषण वर्जन १४३, (४) भयवश भाषण त्याग १४३, (५) हास्यवश भाषण त्याग १४३, तृतीय-अचौर्य महाव्रत १४४, अचौर्य महाव्रत का स्वरूप १४४, अदत्त के पाँच प्रकार १४४, (१) देव-अदत्त १४४, (२) गुरु-अदत्त १४४, (३) राजा-अदत १४४, (१) गृहपति-अदत्त १४५, (५) सार्मि-अदत्त १४५ तृतीय महाव्रत की पाँच भावनाएँ १४५, अनुवीचि-अवग्रह याचन १४५, (२) अभीक्षण । अवग्रह-याचन १४५, (३) अवग्रहावधारण १४५, (४) सार्मिकअवग्रह-याचन १४६, (५) अनुज्ञापित पान-भोजन १४६, चतुर्थब्रह्मचर्य महाव्रत १४६, ब्रह्मचर्य महाव्रत का स्वरूप १४६, चतुर्थ महाव्रत की पाँच भावनाएँ १४६, (१) स्त्रीपशुपण्डक सेवित (संसक्त) शयनासनवर्जनता १४६, (२) राग युक्त स्त्रीकथावर्जनता १४७, (१) मनोहर इन्द्रियालोकन वर्जनता१४७, (४)पूर्वरतविलाल (क्रीड़ा) अननुस्मरण १४७, (५) प्रणीतरसभोजन (आहार) वर्जनता १४७, पंचम-अपरिग्रह महाव्रत १४७, अपरिग्रह महाव्रत का स्वरूप १४८, पंचम-महाव्रत की पाँच भावनाएँ १४८ पंचविध-आचार-पालन समर्थ १४८, ज्ञानाचार-पालन १४६ ज्ञान के आठ आचार १४६, दर्शनाचार-पालन १५१, दर्शन के आठ आचार १५१, चारित्राचार पालन १५४, चारित्राचार के आठ आचारः पाँच समिति और तीन गुप्ति १५४, तपाचार १५६, तप के बारह आचार १५७, छह बाह्य और छह आभ्यन्तर तप १५७, अनशन तप १५७, अनशन तप के भेद १५८, ऊनोदरी तप १५८, भिक्षाचरी तप १५६, रस-परित्याग तप १५६, कायक्लेश तप १६०, प्रतिसंलीनता तप १६१, प्रतिसंलीनता तप के भेद १६१, प्रायश्चित्त तप १६१, प्रायश्चित्त के दस भेद १६२, विनय. तप १६३, विनय तप के भेद प्रभेद १६३, वैय्यावृत्य तप १६४, स्वाध्याय तप १६४, ध्यान तप १६५, ध्यान के भेद प्रभेद १६५, व्युत्सर्गतप १६६, व्युत्सर्ग तप के भेद-प्रभेद १६६, वीर्याचार १६६, पंच समितियों और तीन गुप्तियों से युक्त १६७, आचार्य की ३६ विशेषताएँ १६७, (१) आर्य देशोत्पन्न १६७, (२) कुल सम्पन्न १६७, (३) जाति सम्पन्न १६८, (४) रूपसम्पन्न १६८, (५) बलसम्पन्न १६८, (६) धृतिसम्पन्न १६८, (७) अनाशंसी १६९, (८) अविकत्थन १६६ (९) अमायी १७० (१०) स्थिर परिपाटी १७०, (११) गृहीत वाक्य १७१, (१२) जित-परिषत् १७१, (१३) जितनिद्र १७१, (१४) मध्यस्थ १७२, (१५) देशज्ञ १७२, (१६) कालज्ञ १७२, (१७) भावज्ञ १७३, (१८) आसन्न लब्ध प्रतिभ १७४, (१६) नानाविध देशभाषाज्ञ १७४, (२०) ज्ञाना