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४० | विषय -सूची
५८ [२] श्री अजितनाथजी ५६, [३] श्री संभवनाथजी ६६, [४] श्री अभिनन्दनजी ५६, [५] श्री सुमतिनाथजी ६०, [६] श्री पद्मप्रभुजी ६०. [७] श्री सुपार्श्वनाथजी ६०, [८] श्री चन्द्रप्रभजी ६१, [६] श्री सुविधिनाथजी ६१, [१०] श्री शीतलनाथजी ६१, [११] श्री श्रेयांसनाथ जी ६२, [१२] श्री वासुपूज्यजी ६२, [१३] श्री विमलनाथ जी ६३, [१४] श्री अनन्तनाथ जी ६३, [१५] श्री धर्मनाथजी ६३, [१६] श्री शांतिनाथजी ६४ [ १७ ] श्री कुन्थुनाथजी ६४, .. [१८] श्री अरनाथजी ६४, [ १६ ] श्री मल्लिनाथ जी ६५, [२०] श्री मुनिसुव्रत स्वामी जी ७५, [२१] श्री नमिनाथ जी ६६, [२२] श्री अरिष्टनेमिजी (नेमिनाथ जी ) ६६, [२३] श्री पार्श्वनाथ जी ६६, [२४] श्री महावीर स्वामी जी ६७, जम्बूद्वीपीय भरतक्षेत्र की भूतकालीन चौबीसी ६७ जम्बूद्वीपीय भरत क्षेत्र के भावी चौबीस तीर्थंकरों का परिचय ६८, वर्तमान काल में पंच महाविदेह क्षेत्र में विहरमान बोस तीर्थंकर ७०, तीर्थंकर परम्परा शाश्वत ७०, चार ऐतिहासिक तीर्थंकरों के जीवन की झाँकी ७१ [१] प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ७१, यौगलिक परम्परा ७१, कुलकर परम्परा ७२, कुलकर व्यवस्था की तीन दण्ड नीतियाँ ७३. प्रथम राजा ७३, विवाह पद्धति ७४, विद्या-कला७४, दान-धर्म का प्रारम्भ ७४, धर्म - तीर्थ प्रवर्तन ७५ [२] बाईसवें तीर्थंकर भगवान अरिष्टनेमि ७५, जीवन परिचय ७६, [३] तेईसवें तीर्थंकर पुरुषादानीय भगवान श्री पार्श्वनाथ ७८, जीवन परिचय ७८, चातुर्याम धर्म ७६, [४] चौबीसवें तीर्थंकर दीर्घ तपस्वी श्रमण भगवान महावीर ८१, तत्कालीन सामाजिक और राजनीतिक दशा ८१, जन्म, जाति और वंश ८२, गृह जीवन ८२, साधक जीवन ८३,३, उपदेशक जीवन ८४, भगवान महावीर के उपदेशों से हुए महत्त्वपूर्ण कार्य ८४, प्रतिक्रमण पंच महाव्रत धर्म ८६, निर्वाण ८६ । ३. सिद्धदेव स्वरूप
अरिहन्त और सिद्ध में अन्तर ८८ सिद्ध परमात्मा का स्वरूप ८६, सर्वथा शुद्ध आत्मा सिद्ध परमात्मा ६०, सिद्ध कैसे, कहां और किस रूप में होते हैं ? ६१, सिद्ध गति की पहचान ६२, सिद्धशिला के नाम ६३, सिद्धशिला की स्थिति और लम्बाई-चौड़ाई ६३, जहाँ एक सिद्ध है, वहाँ अनन्त सिद्ध हैं ३, मुक्ति : आत्मा की विशिष्ट पर्याय ६४, सिद्धों के गुण ६५, सिद्धों के ३१ गुण ६५, सिद्धों के आठ गुण सिद्धों - मुक्तात्माओं के प्रकार ६६, पन्द्रह प्रकार
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