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________________ २१६ : जैन तत्त्वकलिका-द्वितीय कलिका ___ "श्री तीर्थंकर भगवान् ने इन्द्रियों का दमन करने वाले मोक्षगमन के योग्य (द्रव्य), तथा काया का व्युत्सर्ग करने वाले साधु के चार नाम इस प्रकार कहे हैं-(१) माहन, (२) श्रमण, (३) भिक्ष और (४) निन्थ ।" शिष्य ने प्रश्न किया-भगवन् ! दान्त, मुक्तिगमनयोग्य (द्रव्य), कायोत्सर्ग करने वाले को माहन, श्रमण, भिक्ष और निग्रन्थ क्यों कहा जाता है ? हे महामुने ! कृपया यह हमें बतलाइए।' भगवान ने शिष्य की जिज्ञासा का समाधान करते हुए जो फरमाया, उसका संक्षिप्त विवरण निम्न पंक्तियों में दिया जा रहा है । - माहन-जो समस्त पापकर्मों से विरत हो चुका है, किसी से राग-द्वेष नहीं करता, कलह नहीं करता, किसी पर मिथ्या दोषारोपण नहीं करता, किसी की चुगली नहीं करता, दूसरे की निन्दा नहीं करता, संयम में अप्रीति और असंयम में प्रीति नहीं करता, कपट नहीं करता, कपटयुक्त असत्य नहीं बोलता, मिथ्यादर्शनशल्य से विरत रहता है, पांच समितियों से युक्त है सदा जितेन्द्रिय है, क्रोध नहीं करता और न ही मान (अभिमान) करता है, वह 'माहन' कहलाता है। श्रमण-जो साधु पूर्वोक्त गुणों से युक्त है, उसे श्रमण भी कहना चाहिए। साथ ही श्रमण कहलाने के लिए ये गुण भी होने चाहिए-शरीर मकान, वस्त्र-पात्रादि किसी भी पदार्थ में आसक्ति न हो, अनिदान (इहलौकिकपारलौकिक सांसारिक विषयभोगरूप फल को आकांक्षा से रहित) हो, हिंसा, मषावाद, मैथन और परिग्रह से निवृत्त हो, क्रोध, मान, माया, लोभ, राग-द्वेष न करे। इस प्रकार जिन-जिन कारणों से आत्मा दूषित होती है, उन सब कर्म १ अहाह भागवं-एवं से दंते दविये वोसट्ठकाए त्ति वच्चे (१) माहणेत्ति वा, (२) समणेत्ति वा, (३) भिक्खुत्ति वा, (४) निग्गंथेत्ति वा । पडिआह-भंते ! कहं नु दन्ते दविए वोसट्ठकाए त्ति वच्चे-- माहणेत्ति वा, समणेत्ति वा, भिक्खूत्ति वा, निग्गंथेत्ति वा ? तं नो बूहि महामुणी ।" -सूत्रकृतांग श्रु तस्कन्ध १, अ० १६, सूत्र १ २ विरए सव्वपावकम्मेहिं पेज्ज-दोस-कलह-अब्भक्खाण-पेसुन्न-परपरि वाय - रति-अरति-मायामोस --मिच्छादंसणसल्ल -- विरए, सहिए, सया जए, णो कुझे णो माणी माहणेत्ति वुच्चे ।-सूत्रकृतांग श्रुतस्कन्ध १, अ० १६, सूत्न २
SR No.002475
Book TitleJain Tattva Kalika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherAatm Gyanpith
Publication Year1982
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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