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________________ गुरु स्वरूप : १७३ आवश्यक है। प्रत्येक साधक को उचित समय पर ही प्रतिक्रमण, प्रतिलेखन, स्वाध्याय, ध्यान, कायोत्सर्ग, भिक्षाचरी, शयन, जागरण, आदि समस्त क्रियाएं करनी आवश्यक हैं, फिर आचार्य को तो विशेषरूप से काल का ज्ञान होना अनिवार्य है, ताकि वह संघ के साध-साध्वीगण को उचित काल में विविध क्रियाएँ करने का निर्देश कर सके। बहुत से क्षेत्रों में गृहस्थों के भोजन का समय पृथक-पृथक् होता है, अतः उस-उस क्षेत्र में साधु-साध्वीगण को भिक्षा का समय भी तदनुसार रखना होता है, अन्यथा अकाल में भिक्षाचरी करने पर आहार न मिलने पर उसके मन में संक्लेश होगा,' श्रद्धालु गृहस्थों को भी साधु-साध्वो के बिना भिक्षा लिये लौट जाने से दुःख होगा। काल का ठीक ज्ञान होने पर साध को आत्मसमाधि में किसी प्रकार की बाधा नहीं होगी। __कालज्ञ आचार्य समय को गतिविधि, साधकों के संहनन-संस्थान, सहनशक्ति, तथा मनोबल को जान कर साधु-समाचारी में समयानुसार यथोचित्त संशोधन-परिवर्द्धन करके धर्मसंघ को तेजस्वी बना सकते हैं । अतएव आचार्य का समयज्ञ होना अतीव आवश्यक है। (१७) भावज्ञ-आचार्य को दूसरों के भावों का ज्ञाता होना चाहिए । दूसरों के मनोभावों का ज्ञाता आचार्य ही सम्पर्क में आने वाले उस-उस व्यक्ति या साधक के मनोभावों को जानकर उसे उसकी रुचि, भावना, श्रद्धा और उत्साह के अनुसार सुबोध दे सकता है और उसका दिया हुआ बोध शीघ्र सफल होता है। थोड़े से परिश्रम से ही महान् लाभ प्राप्त हो सकता है। . अगर आचार्य भावज्ञ नहीं होगा तो वह योग्य व्यक्ति को उसके लिए अयोग्य और अयोग्य व्यक्ति को योग्य उपदेश दे बैठेगा, जिससे अर्थ का अनर्थ होने की सम्भावना है। साथ ही उस व्यक्ति को दिये गये बोध का परिश्रम भी सार्थक नहीं होगा । इसलिए आचार्य को भावज्ञ होना चाहिए। __वर्तमान युग की भाषा में कहें तो आचार्य को मनोविज्ञान का अध्येता होना चाहिए । सामान्य मनोविज्ञान के लिए नीतिकार कहते हैं-"आकृति, इंगित (इशारों), गति (चाल-ढाल); चेष्टा और भाषण (बोलने) से, तथा आँख १ 'काले कालं समायरे' -दशवकालिक, अ. ५, उ. २, गा. ४ २ अकाले चरिस भिक्खू, काल न पडिलेहसि । अप्पाणं च किलामेसि, सन्निवेसं च गरिहसि ॥ -दशव. अ. ५, उ. २, गा. ५
SR No.002475
Book TitleJain Tattva Kalika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherAatm Gyanpith
Publication Year1982
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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