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________________ अतिचार 115, (3) स्थूल अदत्तादानविरमण 115, पाँच अतिचार 116, (4) स्वदारसन्तोष व्रत 116, पाँच अतिचार 116, ( 5 ) इच्छापरिमाण व्रत 116, पाँच अतिचार 117, तीन गुणव्रत 117, ( 1 ) दिक्परिमाण व्रत 117, पाँच अतिचार 118, (2) उपभोग - परिभोगपरिमाण व्रत 118, उपभोग-परिभोग सम्बन्धी छब्बीस वस्तुएँ 118, चौदह नियम 119, पन्द्रह कर्मादान 119, पाँच अतिचार 120, ( 3 ) अनर्थदण्डविरमण व्रत 120, अनर्थदण्ड के चार रूप 120, पाँच अतिचार 121, शिक्षाव्रत 121, ( 1 ) सामायिक व्रत 121, पांच अतिचार 122, चार प्रकार की शुद्धि 122, (2) देशावकाशिक व्रत 123, पाँच अतिचार 123, ( 3 ) पौषधोपवास व्रत 123, पौषध में चार प्रकार का त्याग 123, पाँच अतिचार 124, (4) अतिथि संविभाग व्रत 124, पाँच अतिचार 125, अन्तिम समय की साधना : संलेखना 125, गृहस्थ की योग साधना 126, गृहस्थयोगी की विशिष्ट साधना : प्रतिमा 126 | 2. योग की आधारभूमि : श्रद्धा और शील (2) 128-140 (गृहत्यागी श्रमण का योगाचार) श्रमण : सम्पूर्ण योग का आराधक 128, साधु के मूल और उत्तर गुण 128, साधु के सत्ताईस मूल गुण 129, पांच महाव्रत 130, ( 1 ) अहिंसा महाव्रत : समत्व साधना 130, इस महाव्रत की पाँच भावनाएँ 131, (2) सत्य महाव्रत : योग का आधार 132, भावनाएँ 132, (3) अचौर्य महाव्रत : अनासक्तियोग का प्रारम्भ 133, पाँच भावनाएँ 133, (4) ब्रह्मचर्य महाव्रत : चेतना का ऊर्ध्वारोहण 134, पाँच भावनाएँ 135, ( 5 ) अपरिग्रह महाव्रत : निस्पृह योग 135, पाँच भावनाएँ 136, श्रमण के अन्य आवश्यक गुण 137, श्रमण- गुण बनाम योग-मार्ग 140 | 3. विशिष्ट योग भूमिका- प्रतिमायोग साधना 141-153 प्रतिमा का आशय 141, ( 1 ) श्रावक प्रतिमा 141, (गृहस्थयोगी की विशिष्ट साधना भूमिकाएँ) 141, (1) दर्शन प्रतिमा (शुद्ध, अविचल एवं प्रगाढ़ श्रद्धा) 142, (2) व्रत प्रतिमा (विरति की ओर बढ़ते चरण) 143, ( 3 ) सामायिक प्रतिमा ( योग-साधना का प्रारम्भ) 143, (4) पौषध प्रतिमा (अहोरात्र की आत्म-साधना) 144, ( 5 ) नियम प्रतिमा (विविध नियमों की साधना ) 144, (6) ब्रह्मचर्य प्रतिमा ( चेतना का ऊर्ध्वारोहण) 145, (7) सचित्तत्याग प्रतिमा (आहार - संयम) 145, (8) आरम्भ त्याग प्रतिमा (अहिंसा यम की साधना) 146, (9) प्रेष्य परित्याग प्रतिमा ( संवरयोग तथा सूक्ष्म अहिंसा यम की साधना ) 146, (10) उद्दिष्टभक्त-त्याग प्रतिमा ( संवर योग की साधना ) 147, ( 11 ) श्रमणभूत प्रतिमा (गृहस्थ - योगसाधना का अन्तिम सोपान ) 147, प्रतिमाओं की विशेष बातें 148, (2) भिक्षु प्रतिमा (गृह - त्यागी श्रमण की विशिष्ट साधना भूमिकाएँ ) 149, (1) प्रथम प्रतिमा एवं इसका स्वरूप 149, दूसरी, तीसरी, चौथी, पांचवीं, छठी और सातवीं प्रतिमाएँ 55
SR No.002471
Book TitleAdhyatma Yog Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2011
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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