________________
पक्षों को मनोरम ढंग से उजागर करते हुए तथा ध्यान की विधि को वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत करते हुए प्रवर्तक श्री जी महाराज ने वर्तमान जिज्ञासुओं पर महान् उपकार किया है।
___ मैं पूज्य प्रवर्तक श्री जी महाराज को ऐसी विशिष्ट कृति की रचना करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ और यह मंगल कामना करता हूँ कि 'अध्यात्म योग-साधना' नामक विशिष्ट ग्रंथ अधिक से अधिक प्रचारित-प्रसारित होते हुए जन-जन को संपूर्ण स्वास्थ्य की ओर अग्रसर करे!
-आचार्य सुभद्र मुनि
.24.