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________________ साथ ही दीर्घ तथा लयबद्ध श्वासोच्छ्वास की क्रिया करता है एवं शुभ भावों का ध्यान करता है, उससे उसे तनाव से मुक्ति मिल जाती है, उसके कारण उसके शरीर में निम्न रासायनिक परिवर्तन होते हैं (1) स्नायुओं की एसिड पुनः शर्करा में परिवर्तित हो जाती है। (2) स्नायुओं में लैक्टिक एसिड का जमाव बहुत कम हो जाता है। ___ (3) लैक्टिक एसिड के कम होने से शरीर की गर्मी भी कम हो जाती है, परिणामस्वरूप शान्ति का अनुभव होता है। (4) स्नायु-तंत्र की थकान मिट जाती है और साधक को ताजगी का अनुभव होता है, उसकी देहजाड्य शुद्धि और मतिजाड्य शुद्धि होती है। शरीर में स्फूर्ति और मन-मस्तिष्क में ताजगी आती है तथा मन-मस्तिष्क के अधिक सक्षम होने से बुद्धि में तीव्रता आती है। __(5) रक्त में प्राणवायु (ऑक्सीजन) की मात्रा बढ़ जाती है। ___इस प्रकार कायोत्सर्ग की साधना साधक के लिए मानसिक एवं शारीरिक-दोनों ही रूप में उपयोगी और लाभप्रद होती है। आध्यात्मिक साधक के लिए इसकी सबसे महत्त्वपूर्ण उपलब्धि क्रोध आदि कषायों की उपशान्ति है, कषायों की उपशान्ति से उसकी चित्तवृत्ति अधिक विशुद्ध बनती है। (6) प्रत्याख्यान : गुणधारण की प्रक्रिया साधक द्वारा अवश्य करणीय षडावश्यक का अन्तिम अंग प्रत्याख्यान है। इसमें साधक अशुभ योगों से निवृत्ति और शुभ योगों में प्रवृत्ति करता है, वह व्रत-निमय आदि गुणों को धारण करता है। व्रत रूपी सद्गुणों के.धारण से संयम सधता है, संयम से नये कर्मों का आगमन (आस्रव) का निरोध हो जाता है और आस्रवनिरोध से तृष्णा का 1. आधुनिक युग में देश-विदेश में जो विभिन्न योगियों द्वारा ध्यान शिविर लगाये जाते हैं, उनमें कायोत्सर्ग के एक ही अंग सिर्फ शिथिलीकरण की साधना की जाती है। आज का तनावग्रस्त और तनावों में जीने वाला मानव भी उन शिविरों की ओर आकर्षित सिर्फ इसीलिए होता है कि उसे कुछ समय के लिए तनावों से मुक्ति मिल जाती है, शान्ति का अनुभव होता है। किन्तु षडावश्यक के अन्य अंगों के अभाव तथा निश्चित ध्येय-आत्मोन्नति की ओर लक्ष्य न होने से ये ध्यान शिविर आध्यात्मिक योग की दृष्टि से विशेष उपयोगी सिद्ध नहीं होते। -सम्पादक * परिमार्जनयोग साधना (षडावश्यक)* 173 *
SR No.002471
Book TitleAdhyatma Yog Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2011
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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