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________________ * १४४ * बीसवाँ बोल : षड्द्रव्य और उनके भेद - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - पुद्गल के चार गुण प्रमुख हैं-(१) स्पर्श, (२) रस, (३) गंध, (४) वर्ण। इन चारों के बीस भेद हैं जिनमें स्पर्श के आठ, रस के पाँच, गंध के दो तथा वर्ण के पाँच भेद हैं। इनके भी उत्तर-भेद असंख्यात हैं। पुद्गल की अनेक पर्याय हैं जिनमें दस प्रमुख हैं। यथा-(१) शब्द, (२) बंध, (३) सूक्ष्मता, (४) स्थूलता, (५) संस्थान (आकृति), (६) भेद, (७) तम, (८) छाया, (९) आतप (उष्ण प्रकाश), (१०) उद्योत (शीतल प्रकाश)। इनके भी अनेक भेद-प्रभेद हैं। वास्तव में स्थूलता व सूक्ष्मता पुद्गल द्रव्य की पर्याय हैं। जब पुद्गल स्कन्ध सूक्ष्म पर्याय रूप परिणमन करते हैं तो दिखाई नहीं देते हैं और जब वे स्थूल पर्याय रूप परिणमन करते हैं तो दिखाई देने लगते हैं। जैसे-हाइड्रोजन एक गैस है, ऑक्सीजन भी एक गैस है। ये दोनों दिखाई नहीं देती हैं किन्तु जब हाइड्रोजन के दो अणु और ऑक्सीजन का एक अणु मिलते हैं या परस्पर क्रिया करते हैं तो पानी बनता है और वह हमें दिखाई देता है। यथा-H2 (हाइड्रोजन) + 0 (ऑक्सीजन) = H2O (पानी)। यानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के रूप में पुद्गल सूक्ष्म पर्याय रूप परिणमन कर रहे थे तब हमें दृष्टिगोचर नहीं थे किन्तु अब जल के रूप में स्थूल पर्याय रूप परिणमन कर रहे हैं तो दृष्टिगोचर हैं। जैनदर्शन शब्द, आतप, उद्योत और विद्युत् को पुद्गल की पर्याय मानता है, विज्ञान उन्हें ऊर्जा (Energy-एनर्जी) के रूप में स्वीकारता है। पहले विज्ञान पदार्थ या द्रव्य और ऊर्जा को अलग-अलग मानता था, अब आइन्स्टीन ने इन दोनों को एक ही समान सिद्ध कर दिया है। इसके अनुसार पदार्थ अपने स्थूल रूप को नष्ट करके सूक्ष्म रूप ऊर्जा में परिणत हो जाता है। आधुनिक विज्ञान ने सौ से अधिक तत्त्वों की जो खोज की है वे सब जैन दृष्टि में पुद्गल की पर्याय हैं। इन तत्त्वों के बारे में विज्ञान भी यही कहता है कि वे किसी भी रासायनिक क्रिया से अपने स्वरूप और धर्म का परित्याग नहीं करते। जैसेसोना, चाँदी, लोहा, गंधक, पारा आदि ये तत्त्व हैं। इनको यदि गर्म या ठंडा किया जाए तो ये तरल या वाष्पीय बन जायेंगे, पर इनमें से कोई दूसरा पदार्थ नहीं निकल सकता। जैसे-सोना सोना ही रहेग, चाँदी चाँदी ही रहेगी। इन तत्त्वों के मेल से जो नया पदार्थ बनेगा, वह मिश्र ही होगा। इस तरह विज्ञान में पदार्थ व शक्ति में भेद न रहकर केवल स्थूलत्व व सूक्ष्मत्व का ही भेद रह गया है। एक ही भौतिक तत्त्व पुद्गल की 'शक्ति' सूक्ष्म रूप है और ठोस, द्रव्य और वायु स्थूल रूप।
SR No.002470
Book TitleAgam Gyan Ki Adharshila Pacchis Bol
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVarunmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2011
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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