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________________ तीर्थंकर : एक अनुशीलन 71 यह भाषा का अलंकार है एवं किसी कठिन विषय जिसकी व्याख्या करना कठिन है, उसे सरल रूप में प्रस्तुत करने के लिए प्रयुक्त होता है। इसी प्रकार 'विचार संग्रह' में कहा है 12 सुभटों का बल एक वृषभ में होता है। 10 वृषभों का बल एक अश्व में होता है। 12 अश्वों का बल एक महिष में होता है। 500 महिषों का बल एक गज में होता है। 500 हाथियों का बल एक केसरीसिंह में होता है । 2000 सिंहों का बल एक अष्टापद में होता है । 10 लाख अष्टापदों का बल एक बलदेव में होता है। '2 बलदेवों का बल एक वासुदेव में होता है। 1 करोड़ चक्रवर्तियों का बल एक देवता में होता है। 1 करोड़ देवों का बल एक इन्द्र में होता है। एवं इन्द्र से भी अनन्त गुणा बल केवल तीर्थंकर की कनिष्ठा अंगुलि में होता है। इस प्रकार के उपमा-अलंकार से तीर्थंकरों का अतुल बल दर्शाया गया है। चूँकि तीर्थंकर अपने शारीरिक बल का प्रयोग प्रायः नहीं करते हैं, वासुदेव, चक्रवर्ती इत्यादि स्वयं को सर्वबलशाली समझते हैं, जो होता नहीं है। इस प्रसंग पर तीर्थंकर अरिष्टनेमि (नेमिनाथ जी) का एक दृष्टान्त पढने योग्य है । 'एक दिन युवा अरिष्टनेमि घूमते-घामते वासुदेव श्रीकृष्ण की आयुधशाला में पहुँच गए। आयुधशाला के रक्षकों ने शस्त्रों का महत्त्व बताते हुए कहा- इन्हें श्रीकृष्ण के अतिरिक्त अन्य कोई काम में नहीं ले सकता। किसी में इतनी शक्ति तक नहीं है कि इन्हें उठा सके। यह सुनते ही अरिष्टनेमि ने सूर्य के समान चमचमाते हुए सुदर्शनचक्र को अंगुलि पर रखकर कुंभकार के चक्र की तरह फिरा दिया । शाङ्ग धनुष को कमल नाल की तरह मोड़ दिया। कौमुदी गदा सहज रूप से स्कंध पर रख ली एवं पाँचजन्य शंख को इस प्रकार फूँका कि सारी द्वारिका भय से काँप गई। प्रचंड ध्वनि को सुन शत्रु के भय से भयभीत श्रीकृष्ण सीधे आयुधशाला में पहुँचे । अरिष्टनेमि द्वारा शंख बजाने की बात जानकर वे अत्यधिक चकित हुए। उन्होंने तभी अरिष्टनेमि को सहज रूप से बाहुयुद्ध करने का निमन्त्रण दिया । यदि कोई चुपचाप छिपकर विष पी लेता है, जहाँ कोई उसे न देख रहा हो तो क्या वह उससे नहीं मरेगा? सूत्रकृताङ्ग - नियुक्ति (52) -
SR No.002463
Book TitleTirthankar Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
PublisherPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publication Year2016
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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