SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 231
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 1. 2. निर्वाण अन्तराल (106) | 50 लाख करोड़ सागरोपम | 30 लाख करोड़ सागरोपम 10 लाख करोड़ सागरोपम 9 लाख करोड़ सागरोपम तीर्थंकर : एक अनुशीलन 210 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 9 करोड़ सागरोपम 11. 1 करोड़ सागर में 100 | सागर 6626000 वर्ष कम | 90000 करोड़ सागरोपम | 9000 करोड़ सागरोपम 900 करोड़ सागरोपम 90 करोड़ सागरोपम 12. 54 सागरोपम 13. 30 सागरोपम 14. 9 सागरोपम 15. 4 सागरोपम 16. 3 सागरोपम कम 3/4 पल्योपम 17. आधा पत्योपम 18. 1000 करोड़ वर्ष कम 1/4 पल्योपम 19. 1000 करोड़ वर्ष 20. 54 लाख वर्ष 21. 6 लाख वर्ष 22. 5 लाख वर्ष 23. 83750 वर्ष 24. 250 वर्ष अन्तिम तीर्थंकर के निर्वाण से अन्तराल (107) 42 हजार 3 वर्ष 8 1⁄2 महीने कम 1 करोड़ सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 821⁄2 महीने कम 50 लाख सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 8 2 महीने कम 20 लाख सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 8 2 महीने कम 10 लाख सागर 42 हजार 3 वर्ष 821⁄2 महीने कम 1 लाख करोड़ सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 81⁄2 महीने कम दस करोड़ सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 81⁄2 महीने कम 1000 करोड़ सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 8 2 महीने कम 100 करोड़ सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 8 2 महीने कम 10 करोड़ सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 8 2 महीने कम 1 करोड़ सागरोपम 42 हजार 3 वर्ष 821⁄2 महीने कम 100 सागर 6626000 वर्ष 46 सागरोपम 65 लाख 84 हजार वर्ष 16 सागरोपम 65 लाख 84 हजार वर्ष 7 सागरोपम 65 लाख 84 हजार वर्ष 3 सागरोपम 65 लाख 84 हजार वर्ष 3/4 पल्योपम 65 लाख 84 हजार वर्ष 1/4 पल्योपम 65 लाख 84 हजार वर्ष 1000 करोड़ 65 लाख 84 हजार वर्ष 65 लाख 84 हजार वर्ष 11 लाख 84 हजार वर्ष 5 लाख 84 हजार वर्ष 84000 वर्ष 250 वर्ष विशेष : बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध पहले जैन श्रमण थे (संभवत: प्रभु पार्श्व परम्परा के साधु) ऐसा बौद्ध ग्रंथों में आता है। महावीर स्वामी एवं गौतम बुद्ध समकालीन दार्शनिक माने जाते हैं एवं कई सिद्धान्त भी समान माने जाते हैं।
SR No.002463
Book TitleTirthankar Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
PublisherPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publication Year2016
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy