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तीर्थकर : एक अनुशीलन
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निर्वाण आसन
| कितनों के साथ | (कितने पायुगान्तमा
निर्वाण आसन कितनों के साथ
युगान्तभूमि (103)
मोक्ष (104) (कितने पाट तक मोक्ष) (105) पर्यंकासन (पद्मासन) 10000
असंख्यात पाट उत्सर्ग आसन (कोयोत्सर्ग) 1000
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 308
संख्यात पाट 500
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 600
संख्यात पाट 6000
संख्यात पाट 7000
संख्यात पाट 108
संख्यात पाट 900
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 500
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 1000
संख्यात पाट 536
पाँच पाट 33
चार पाट 24. | पर्यंकासन (पद्मासन)
तीन (सुधर्मा स्वामी,
जंबू स्वामी) विशेष : तीर्थंकर महावीर स्वामी जी के निर्वाण के 64 वर्ष पश्चात् जम्बू स्वामी जी का मोक्ष
हुआ। ये भरतक्षेत्र में इस अवसर्पिणी काल के अन्तिम मोक्षगामी थे। उनके बाद मोक्षादि अनेक बातों का विच्छेद हो गया।
अकेले