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निर्वाण राशि
(108)
1.
2.
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7.
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14.
15.
16.
17.
18.
19.
20. मकर
21. मेष
22.
तुला
23.
तुला
24. तुला
मकर
वृषभ
मिथुन
कर्क
कर्क
कन्या
वृश्चिक
वृश्चिक
धनु
धनु
कुम्भ
मीन
मीन
मीन
कर्क
मेष
वृषभ
मीन
मेष
तीर्थंकर : एक अनुशीलन 211
निर्वाण नक्षत्र
ग्रहशांति
(109)
(110)
अभिजित्
मृगशीर्ष
मृगशीर्ष (आद्रा)
पुष्य
पुनर्वसु
चित्रा
अनुराधा (मूल)
ज्येष्ठा (श्रवण)
मूल
पूर्वाषाढ़ा
धनिष्ठा
उत्तराभाद्रपद
रेवती
रेवती
पुष्य
भरणी
कृत्तिका
रेवती
भरणी (अश्विनी)
श्रवण
अश्विनी
चित्रा
विशाखा
स्वाति
गुरु
गुरु
गुरु
गुरु
लै
सूर्य
चन्द्र
शुक्र
गुरु
गुरु
मंगल
बुध
बुध
बुध
बुध
बुध
बुध
केतु
शनि
बुध
राहु
केतु
बुध
धर्म विच्छेद (111)
(1 /4) पाव पल्योपम
(1/4) पाव पल्योपम (3/4) पौन पल्योपम
(1/4) पाव पल्योपम ( 3 / 4) पौन पल्योपम
(1/4) पाव पल्योपम (1/4) पाव पल्योपम
विशेष : नौवें से सोलहवें तीर्थंकर तक असंयति - पूजा बढ़ने से धर्मतीर्थ का एवं सभी 12 अंगों का विच्छेद हुआ था। किन्तु बारहवें अंग - दृष्टिवाद का विच्छेद सभी तीर्थंकर के अन्तरकाल में होता आया है।