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माता का प्रथम स्वप्न
(17)
1. वृषभ (बैल)
2. गज (हाथी)
3.
गज (हाथी)
4.
गज (हाथी)
5.
गज (हाथी)
6.
गज (हाथी)
7.
गज (हाथी)
8. गज (हाथी)
9. गज (हाथी)
10. गज (हाथी)
11. गज (हाथी)
12. गज (हाथी)
13. गज (हाथी)
14. गज (हाथी)
15. गज (हाथी)
16. गज (हाथी)
17. गज (हाथी)
18. गज (हाथी)
19. गज (हाथी)
20. गज (हाथी)
21. गज (हाथी)
22. गज (हाथी)
23. गज (हाथी)
24. केसरी सिंह
तीर्थंकर : एक अनुशीलन 182
गर्भ स्थिति (18)
9 मास 4 दिन
8 मास 25 दिन
9 मास 6 दिन
8 मास 28 दिन
9 मास 6 दिन
9 मास 6 दिन
9 महीने 19 दिन
9 महीने 7 दिन
8 महीने 26 दिन
9 महीने 6 दिन
9 महीने 6 दिन
8 महीने 20 दिन
8 महीने 21 दिन
9 महीने 6 दिन
8 महीने 26 दिन
9 महीने 6 दिन
9 महीने 5 दिन
9 महीने 8 दिन
9 महीने 7 दिन
9 महीने 8 दिन
9 महीने 8 दिन
9 महीने 8 दिन
9 महीने 6 दिन
9 महीने 72
जन्म कल्याणक तिथि (19)
चैत्र वदी 8
माघ सुदी 8 मार्गशीर्ष सुदी 14
माघ सुदी 2
वैशाख सुदी कार्तिक वदी 12
ज्येष्ठ सुदी 12.
पौष वदी 12
मार्गशीर्ष वदी 5
माघ वदी 12
फाल्गुन वदी 12
फाल्गुन वदी 14 माघ सुदी 3 वैशाख वदी 13
.
माघ सुदी 3
ज्येष्ठ वदी 13
वैशाख वदी 14
मार्गशीर्ष सुदी 10
मार्गशीर्ष सुदी 11
ज्येष्ठ वदी 8
श्रावण वदी 8
श्रावण सुदी 5
पौष वदी 10
चैत्र सुदी 13
विशेष: तीर्थंकरों की माता 14 स्वप्न मुख में प्रवेश करते हुए देखती है । इतिहासकारों के अनुसार शान्तिनाथ-कुंथुनाथ-अरनाथ जी की माता ने 14 स्वप्न दो बार देखे क्योंकि वे तीर्थंकर के साथ-साथ चक्रवर्ती आत्माएँ भी थीं।