________________
तीर्थंकर : एक अनुशीलन 88 181
सर्प
सिंह
मूषक
तुला
मूल
मकर
च्यवन कल्याणक तिथि च्यवन नक्षत्र च्यवन राशि | योनि (13) | (14)
(15) (16) आषाढ़ वदी 4 उत्तराषाढ़ा
नकुल वैशाख सुदी 13 रोहिणी
भुजंगम | फाल्गुण सुदी 8 मृगशीर्ष
वैशाख सुदी 4 पुनर्वसु (अभिजित्) मिथुन छाग श्रावण सुदी 2
मघा माघ वदी 6 चित्रा
कन्या
महिष (व्याघ्र) भाद्रपद वदी 8 विशाखा
मृग (व्याघ्र) चैत्र वदी 5 अनुराधा
वृश्चिक मृग फाल्गुण वदी 9
वानर (श्वान) 10. | वैशाख वदी 6 पूर्वाषाढ़ा
नकुल (बंदर) 11. ज्येष्ठ वदी 6 श्रवण
वानर 12. ज्येष्ठ सुदी 9 शतभिषा
अश्व 13. | वैशाख सुदी 12 उत्तराभाद्रपद
छाग (गौ) 14. | श्रावण वदी 7 रेवती
मीन
हस्ति 15. | वैशाख सुदी 7 पुष्य
कर्क
माझार (अज) 16. | भाद्रपद वदी 7 भरणी
मेष
हस्ति 17. | श्रावण वदी 9
कृत्तिका
वृषभ
छाग (बकरा) 18. | फाल्गुण सुदी 2 रेवती
गजवर 19. | फाल्गुण सुदी 4 अश्विनी
अश्व 20. | श्रावण सुदी पूर्णिमा श्रवण
मकर
वानर 21. आसोज (आश्विन) | अश्विनी
मेष
अश्व सुदी पूर्णिमा 22. | कार्तिक वदी 12 चित्रा
कन्या
महिष (व्याघ्र) 23. | चैत्र वदी 4.
विशाखा
तुला मृग (व्याघ्र) 24. | आषाढ सुदी 6 | उत्तराषाढ़ा (उत्तराफाल्गुनी)| कन्या महिष (गौ)
मीन
मीन मेष
विशेषः राशि, नक्षत्र, योनि, गण इत्यादि ज्योतिष विषयक गणित सामग्री है जिसका स्वयं में बहुत
महत्त्व है। तथा कल्याणक तिथियों के संदर्भ में मारवाड़ी या गुजराती पंचांग की भिन्नता से मतान्तर सम्भव है।