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________________ २२६ जैनत्व जागरण..... शिशु है । इसके अतिरिक्त है गोलाकार आसन सहित बालु पत्थर का एक शिवलिंग जो कि बाद में संयोजित किया गया है ऐसा प्रतीत होता है । स्थानीय मण्डल परिवार द्वारा रक्षित खुदा हुआ प्रस्तर खण्ड और बाउरी पाड़े के बाँस-झाँड़ के मध्य रखा विशालायतन प्रस्तर खण्ड किसी तीर्थंकर मूर्ति का पाद-पाठ ही हो सकता है। गाँव के वाथान पाड़ा इलाके में टीन से छाया कालाराज चाला-मन्दिर में है अनेक खुदे हुए पत्थरों के टुकड़े, इनमें दो इंच, सात इंच, और एक इंच परिमाप के एक प्रस्तर खण्ड में जैन तीर्थंकर की मूर्ति खुदी हुई दिखाई पड़ती हैं । दुर्गापुर हिन्दुस्तान फर्टिलाइज़र कॉलोनी के उत्तर में आड़रागाँव के राय परिवार में धर्मराज रूप से जो भग्न प्रस्तर खण्ड तेल-सिंदूर से लिप्त होकर नित्य पूजा जाता है उनमें हैं जैन तीर्थंकरों का खुदा हुआ पाद-पीठ, जैन मूर्ति का भग्नावशेष, नाग-छत्रधारी मूर्तियाँ आदि हैं । इस गाँव के राढेश्वर शिवालय के पार्श्ववर्त जंगल से भी अनेक भग्न जैन मूर्तियाँ पायी गयी है। इतना ही नहीं आड़रा और बालूनाड़ा गाँव के विभिन्न परिवारों में इतने खुदे हुए प्रस्तर खण्ड देखने में आए कि लगता है वे सब किसी जैन मन्दिर के ध्वंसावशेष हैं जिन्हें उठाकर मकान निर्माण में प्रयोग किया गया है । वर्तमान डी. पी. एल. टाउनशीप के पार्श्ववर्ती वीरभानपुर गाँव के शंखेश्वरी तला में अनेक जैन और अन्यान्य मूर्तियाँ हैं इसके अतिरिक्त अमरारगढ़ से प्राप्त मूर्तियाँ, पानागढ़ के निकटवर्ती भरतपुर में पायी गयी मूर्तियाँ, कुडुरिया और भिरिंगी में पायी हुई मूर्तियों के साथ जैन संस्कृति का कितना सम्बन्ध है यह देखने से पता चलता है । दुर्भाग्यवश दुर्गापुर क्षेत्र की मूर्तियाँ आज भी अवहेलित पड़ी हुई है ।। राढ़ बंगाल के विभिन्न स्थानों में शिव या धर्मराज रूप में जैन मूर्तियों को पूजा जाता देखा गया है । कई जगह जैन तीर्थकरों की भग्न मूर्ति ग्राम देवता के रूप में वृक्ष तले अधिष्ठित है । बाँकुड़ा जिले के तालडाँगरा थाने के देउलभिड़ा ग्राम की पाक-बारहवीं सदी में निर्मित देउल मन्दिर पहले जैन मन्दिर ही था । इसका मुख्य विग्रह (पार्श्वनाथ) वर्तमान में भारतीय
SR No.002460
Book TitleJainatva Jagaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherChandroday Parivar
Publication Year
Total Pages324
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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