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________________ जैनत्व जागरण..... २२७ म्यूजियम में सुरक्षित है । इस गाँव का देउल मन्दिर नेंगटा ठाकुर (अर्थात् दिगम्बर पार्श्वनाथ)का मन्दिर नाम से परिचित है। ऊँदा थाने के बहुलाड़ा ग्राम का सिद्धेश्वर शिव का मन्दिर पहले जैन धर्म वालों का ही था इसके प्रमाण हैं । तालडाँगरा थाने के हाड़मासरा गाँव के परित्यक्त शिखर देउल के चारों ओर कभी जैन धर्म प्रतिष्ठित था इसके भी प्रमाण हैं । अमियकुमार बन्दोपाध्याय के कथनानुसार "शिलावती के गतिपथ के थोड़ा उत्तर में आज का हाड़मासरा ग्राम कभी जैन धर्म का केन्द्र था । आलोच्य प्राप्त पुरातात्विक वस्तुएँ उसका प्रमाण हैं । डिहर, सोनातपल एक्तेश्वर सर्वत्र एक ही बात लागू होती है। पुरुलिया जिले के वागमुण्डी थाना के देउली गाँव के जैन मन्दिरों में मूल मन्दिर के देवता तीर्थंकर शान्तिनाथ आज भी लोक देवता इणुनाथ नाम से पूजे जाते हैं । अनेक बाँझ नारियों को इनकी कृपा से सन्तान प्राप्ति हुई है। मूर्ति के सम्मुख बकरे की बलि भी होती है । लौकिक देवों की पूजा की विचित्र रीति-नीतियों का भी यहाँ अनुसरण किया जाता है । वर्द्धमान जिले के मंगलकोट थाने के शंकरपुर गाँव के नेंगटेश्वर नाम से परिचित शिवमूर्ति का वर्णन इस प्रकार है- काले पत्थर से बनी साढ़े तीन फुट की मूर्ति के चारों और छः स्वस्तिक बने हुए है । वे दिगम्बर हैं एवं लिंग दृश्यमान है। पादपीठ के पद्म पर एक मृगमूर्ति ध्यान देने योग्य है । इनके भी भक्तों की संख्या कम नहीं है। मृग तो शान्तिनाथ का प्रतीक है जैसा कि पुरुलिया के बागमुण्डी थाने के देउली ग्राम के शान्तिनाथ मन्दिर में देखा गया । फिर भी पश्चिम बंग के पूजा-पार्वन और मेला ग्रन्थ के पंचम खण्ड के बत्तीसवें पृष्ठ में उल्लिखित शंकरपुर के नेगटेश्वर को भोलानाथ परमेश्वर के रूप में ही घोषित किया गया । पूरे बंगाल में जहाँ प्राचीन खुदे प्रस्तर खण्ड, शिव या लोक-देवता के रूप में पूजित है उन्हें गहन रूप में पर्यवेक्षण करते ही असली रहस्य प्रकाशित हो जाता है । दुर्गापुर के विभिन्न स्थानों में देव-देवी रूप में जो सब प्रस्तर खण्ड या मूर्तियाँ है उनमें अधिकांशतः या तो जैन तीर्थंकर मूर्तियों के भग्नांश हैं या वे जैन प्रभावयुक्त हैं । बाँकुड़ा के रानीबाँध थाना के अम्बिकानगर की अम्बिका देवी, राईपुर थाना के राईपुर की महामाया, खातड़ा थाना की केचन्दरा
SR No.002460
Book TitleJainatva Jagaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherChandroday Parivar
Publication Year
Total Pages324
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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