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________________ जैनत्व जागरण..... १२७ जैनों और बौद्धों के कारण ही मगध की राजधानी राजगृह तीर्थस्थान बन गयी थी । तीर्थंकर महावीर ने विपुलाचल पर्वत पर निवास किया था और यहीं श्रेणिक बिम्बिसार को उपदेश दिया था । स्वर्णांचल (सोनगिरि), रत्नाचल, वैभारगिरि और उदयगिरि में भी भी जैन धर्म की प्राचीन कीर्तियों के अनेक निदर्शन भरे पड़े हैं। महावीर ने राजगृह में अनेक वर्षावास किये थे। राजगृह से कुछ हटकर नालन्दा नामक स्थान है। यहाँ भी श्रमण महावीर ने दो वर्षावास किये थे । बुद्ध के भी यहाँ अनेक संस्मरण हैं । बाद में आगे चलकर इसी नालन्दा में जगत् प्रसिद्ध विश्वविद्यालय स्थापित हुआ। इस विश्वविद्यालय के खण्डहर मीलों तक पाये जाते हैं.। नालन्दा के पास ही पावापुरी है, जहाँ महावीर का निर्वाण हुआ था यह जैन परम्परा के लिए श्रद्धा का विशेष केन्द्र है। का तीर्थस्थान है। यहाँ एक विशाल और सुन्दर तालाब के बीच में उक सुन्दर मन्दिर है, जिसमें भगवान महावीर के चरण प्रतिष्ठित हैं । अन्तिम कवली जम्बूस्वामी का भी जन्म राजगृह में हुआ था। ___फाहयान ने राजगृह का वर्णन करते हुए लिखा है कि नगर से दक्षिण दिशा में चार मील चलने पर वह उपत्यका मिलती है जो पाँचों पर्वतों के बीच में स्थित है। यहाँ पर प्राचीनकाल में सम्राट बिम्बसार का महल विद्यमान था । आज यह नगरी नष्ट-भ्रष्ट है । - मनियार मठ के पास एक पुराने कुएं में से कनिंगम को तीन मूर्तियाँ प्राप्त हुई थी। जिनमें एक भगवान पार्श्वनाथ की थी। काशीप्रसाद जायसवाल ने इस मूर्ति का लेख पढ़कर बताया कि यह लेख पहली शताब्दी का है और उसमें सम्राट श्रेणिक और विपुलाचल का उल्लेख है । इतिहासकारों के अनुसार वैभारगिरि पर्वत पर सातवीं शताब्दी तक जैन स्तूप विद्यमान था और गुप्तकाल की अनेकों मूर्तियाँ थी । लेकिन आज जो जैन मंदिर वहाँ है उनके ऊपर का हिस्सा तो आधुनिक है किन्तु उनकी वेदी प्राचीन है। सोनभद्र गुफा का निर्माण मौर्य काल के राजाओं ने किया था । यहाँ प्रथम या द्वितीय शताब्दी का एक लेख है जिसमें उल्लेख हैं कि यहाँ पर वैरदेव ने गुफाएं निर्मित कराई थी जैन मुनियों के रहने के लिये और उनमें अर्हत की मूर्तियाँ स्थापित की थी। विपुलाचल, रत्नगिरि, उदयगिरि और
SR No.002460
Book TitleJainatva Jagaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherChandroday Parivar
Publication Year
Total Pages324
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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