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________________ -अकबर प्रतिबोधक कोन ?=== ब. 1. आ. जिनसिंहसूरिजी के उपदेश से कइ जगह तालाबों के जलचर की हिंसा बंद करवायी गयी। 2. उनकी अभिलाषा अनुसार अकबर ने गजनी, गोलकुंडा और काबुल तक अमारि की उद्घोषणा करायी। 3. मुलतान इलाके संबंधी अषाढी अष्टाह्निका फरमान जो खो गया था, उसको पुनः सं. 1660 में अकबर से प्राप्त किया। 4. अकबर ने आपके उपदेश से काश्मीर विजय के बाद वहाँ 8 दिन तक अमारि घोषणा की। 5. सलीम (जहांगीर) को मूलनक्षत्र में एक पुत्री हुइ। उसके ग्रहदोष निवारण हेतु आ. जिनसिंहसूरिजी ने अष्टोत्तरी स्नात्र पढाई। उसके प्रभाव से सर्वदोष शांत हो जाने से जिनशासन का गौरव बढ़ा। ('मुगल सम्राटों की धार्मिक नीति' पृ. 92-93 एवं 'युगप्रधान श्री जिनचंद्रसूरि पृ. 86, 97) क. वाचक समयसुंदरजी ने अकबर के काश्मीर प्रयाण के समय ‘राजानो ददते सौख्यम्' इस वाक्य के व्याकरण के अनुसार कुल 10,22,407 अर्थ किये थे, जिनमें 2,22,407 अर्थ शायद असंभवित या युक्ति युक्त नहीं थे। अतः उन्हें पूर्ति के लिए छोड़कर 8 लाख अर्थ को प्रगट करने वाले ‘अष्टलक्षी' ग्रंथ को सभा में सुनाया था। इससे जैनशासन की बहुत प्रभावना हुई। = 49
SR No.002459
Book TitleAkbar Pratibodhak Kaun
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherMission Jainatva Jagaran
Publication Year
Total Pages64
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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