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________________ ==अकबर प्रतिबोधक कोन ?= जिहन्ताबाद खिल्जीयाबाद मारोहा (मादोहा) सरीफाबाद तारीकाबाद सासा गाँव गोरीया सार काम कफदा सलीमाबाद कीचर सलसल (सिलसल) बलाद (टाण्डा) फदेहाबाद ताजपुर भूराघाट हसनगाँव महमूदाबाद मदारक नकल - (2) अवधप्रान्त फरमान बयाजी व मोहर 'अल्लाहु अकबर' असकरार 4 शहरयूर माह महर आलही सन् 37 आकि जागीरदारान करोडियान ओ मुत्सदियान सूबे अवध बिदानद। अवध वहेराइच खैराबाद गोरखपुर लखनउ नकल - (3) दिल्ही-आगरा प्रान्त (कटा हुआ आधा उपर का भाग नहीं मिला।) देहली सरहिंद बदायु सम्बल हिसार-फिरोजा सहारनपुर · रिवाडी ('जैन परंपरानो इतिहास भाग - 4) फ़रमान से खुलते इतिहास के पृष्ठ जैसे कि पहले बताया जा चुका है कि वि. सं. 1639 में आ. श्री हीरविजय सूरिजी म. सा. ने अकबर के हृदय में दया का जो पोधा लगाया था, उसको उनके जाने के बाद उनके शिष्य उपाध्याय शान्तिचंद्रजी एवं भानुचंद्रजी ने जिनवाणी से सिंचन कर अत्यंत विकसित कर दिया था। अकबर के हृदय में पल्लवित हुई यह 27
SR No.002459
Book TitleAkbar Pratibodhak Kaun
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherMission Jainatva Jagaran
Publication Year
Total Pages64
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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