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तंजय स्तोत्र ॥ ---
गोमुख नामकयक्ष ( मायंग ) मातंग यक्ष ( गयमुह ) गजमुखयक्ष ये यक्ष हैं ( पमुक्खा ) मुख्यजिन्होंमें ऐसे (जक्खा ) सकल यक्ष (सिवं ) कल्याण (दिन्तु) देओ.
(भावार्थ) जीतेहैं भगवच्छासनप्रतिपक्षी जिन्होंने कीहै नमः स्कार करनेवालोंकी रक्षा जिन्होंने शोभायुक्त ब्रह्मशान्ति यक्षके साथ गोमुख, मातंग, गजमुखयक्ष हैं मुख्य जिन्होंमे ऐसे सकलयक्ष भगवत् स्तुति करनेवाले भव्यजी वोंको कल्याण देओ.
(गाथा) अंबा पडिहयडिंबा सिद्धासिद्धाइआ पवयणस्स चक्केसरि वइस्ट्टा संतिसुरादिसउ सुक्खाण ॥१२॥
(छाया) प्रतिहत डिंबा अंबा सिद्धा सिद्धायिका चक्रेश्वरी वैरोटया शांतिसुरा प्रवचनस्य सौख्यानि दिशतु.
___(पदार्थ) ( पडिहय ) नाशकियेहैं (डिंबा) उपसर्ग जिसने ऐसी ( अंबा ) नेभिजिन भगवानकी उपासिकादेवी (सिद्धा) वर्धमानस्वामीके शासनकी रक्षासे प्रसिद्ध ऐसी (सिद्धाइया)