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नमिऊणस्तोत्रम् ।।
(पदार्थ) . ( एवं ) इस पूर्वोक्ताकारसे ( महाभयहरं ) मोटे भोंका नाशकरनेवाला ( पासजिणंदस्स ) पार्वजिनभगवानका ( उआरं ) थोडेशब्दोंसे बहुतफलदेनेवाला ( संथवं ) नमिऊणनामकस्तोत्र ( भावियजण ) भव्य जनोंको ( आणंदयरं ) मोक्षसुखरूप आनंदकरनेवाला और मंगलकी ( परंपर ) संततिका ( निहाणं ) आदि कारण है अथवा ( भविजणाणं ) भव्यजनोंको ( कल्लाणपरं ) मंगलदायक और ( परनिहाणं) शत्रुओं के कपटोंको ( अंदयरं ) बांधनेवाला है ॥ १९॥
(भावार्थ ) इस एक गाथासे इस स्तोत्रका माहात्म्य
... वर्णन करतेहैं । यह महाभयनिवारक बहुफलदायक श्रीपार्श्वप्रभुका नमिऊणनामक स्तोत्र भव्यप्राणियोंको मोक्षसुख देने वाला और अत्यन्त मंगलकारक है इसके पठनसे शत्रुओंने किये हुए मारणउच्चाटनादि सब प्रयोग व्यर्थ होते हैं ॥ १९॥