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भक्तामर-कथा ।
जाप करना, सफेद फूल चढ़ाना, एक भुक्त करना और पृथ्वीपर सोना । यंत्र पास - रखकर और 'भ्यो नमः स्वाहा' इस मंत्र द्वारा एक एक कंकरीको सात सात बार -मंत्र कर इसी तरह इकवीस कंकरियोंको जलमें डालनेसे जालमें मछलियाँ नहीं आती हैं।
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ऋद्धि-- ॐ ह्रीं अर्ह णमो अणतोहिजिणाणं ।
मंत्र - - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं क्रौं सर्वसंकटनिवारणेभ्यः सुपार्श्वयक्षेभ्यो नमोनमः स्वाहा विधि -- पीला वस्त्र पहरकर ७ दिन तक प्रतिदिन १००० जाप करना, पीले पुष्प चढ़ाना और कुन्दरकी धूप दहन करना ।
जिसकी आँखें दुखती हों उसे सारे दिन भूखा रखकर शामको मंत्र द्वारा २१ बार मंत्रे हुए पतासेको जलमें घोलकर पिलाने या आँखोंपर छींटनेसे दुखती हुई आँखें बन्द होती हैं। कुएमें छिड़कनेसे लाल कीड़े नहीं होते । यंत्र पास रखना चाहिए । ६–
ऋद्धि-- ॐ ह्रीं अर्ह णमो कुबुद्धीणं ।
मंत्र--ॐ ह्रीं श्रां श्रीं श्रूं श्रः हं सं थ थ थः ठः ठः सरस्वती भगवती विद्याप्रसादं कुरु कुरु स्वाहा ।
विधि --- लाल वस्त्र पहरकर २१ दिनतक प्रतिदिन १००० जाप करने और यंत्र पास रखनेसे विद्या बहुत शीघ्र आती है । बिछुड़ा हुआ आ मिलता है । इस विधिमें लाल फूल हों, धूप कुन्दरकी हो और पृथ्वीपर सोना चाहिए तथा एक भुक्त करना चाहिए ।
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ऋद्धि - ॐ हीं अर्हणमो बीजबुद्धीणं ।
मंत्र-ॐ ह्रीं हं सं श्रां श्रीं क्रीं क्लीं सर्वदुरितसंकटक्षुद्रोपद्रवकष्टनिवारणं कुरु कुरु स्वाहा। विधि-- हरे रंग की मालासे २१ दिनतक प्रतिदिन १०८ बार जपने और यंत्र गलेमें बांधनेसे सर्पका विष उतर जाता है, और किसी प्रकारका विष लाग नहीं करता । इसके सिवा ऋद्धिमंत्र द्वारा १०८ बार कंकरी मंत्रकर सर्पके सिर पर मारने से सर्प कीलित हो जाता है । इस विधि में यंत्र हरा और धूप लोभानकी हो ।
ऋद्धि - ॐ ह्रीं अर्ह णमो अरिहंताणं णमो पादाणुसारिणं ।