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। तित्थोगाली पइन्नय
प्रजापति, ब्रह्म, रुद्र, सोम, शिव महासिंह, अग्निसिंह और नौवें वसुदेव-ये क्रमशः नौ बलदेवों एवं नौ ही वासुदेवों (अर्द्धचक्रियों) के पिता के नाम हैं ।६०२। मिगावतीउ पउमा चेव, पुहवी सीया य अम्मया । लच्छीमती सेसवती, केकती देवती य ।६०३ (मृगावती तु पद्मा चैव, पृथ्वी सीता च अम्बिका । . लक्ष्मीमती शेषवती, कैकेयी देवकी च अपि ।)
(एयाउ केसव मायरो) मृगावतो, पद्मा, पृथ्वी, सीता, अम्बिका, लक्ष्मीमती, शेषवती, कैकेयी और देवकी-ये केशवों अर्थात् अर्द्धचक्रियों की माताएं हैं।६०३। भद्दा सुभद्दा सुप्पभा, सुदंसणा विजय वेजयंती य ।। जयंती अपराजिया, रोहिणी य बलदेव जणणीओं ।६०४। (भद्रा सुभद्रा सुप्रभा, सुदर्शना विजया वैजयन्ती च । जयन्ती अपराजिता, रोहिणी च बलदेव जनन्यः।)
एयाउ बलदेवयाण मायरो (एताः बलदेवानां मातर ।)
भद्रा, सुभद्रा, सुप्रभा, सुदर्शना, विजया, वैजयन्ती, जयन्तो, अपराजिता और रोहिणी-ये बलदेवों की माताओं के नाम हैं ।६०४। । विस्सभति पव्वयए, धणमित्च समुद्ददत्त इसिवाले। पियमित्त ललियमित्ते, पुणव्वसू गंगदत्ते य ।६०५॥ (विश्वभतिः पर्वतकः, धनमित्रः समुद्रदत्त ऋषिपालः । प्रियमित्रः ललितमित्रः, पुनर्वसुः गंगदत्तश्च )
(एयाइं वासुदेवाणं पुवभव नामाइं) विश्वभूति, पर्वतक, धनमित्र, समुद्रदत्त, ऋषिपाल प्रिय मित्र, ललितमित्र, पुनर्वसु और गंगदत्त-ये वासुदेवों के पूर्वभवों के नाम हैं।६०५०