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जैन जाति महोदय प्रकरण छठा.
सुनाये जाते है इसी कारण से लोगो मे कहवत चल पडी है कि
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है कि तेरी मांकी..
चार चौर चौरासी वाणिया एके एकने इकवीस इकवीस को ताणिया ” आगे बच्चा कुच्छ तोतली भाषा बोलना सिखता है तब उसके मातापिता कहता है कि क्यो बेटा तेरे बहु काली लावे या गौरी उत्तरमे बेटा कहता है कि ' गोली ' पिताजी हाँसी मे कहते है कि तेरीमांकी. उल्लू के पट्ठा " इसपर लडका दोहराता हुआ कउल्लू के पट्ठा माता कहती है कि तेरे बाप की मुच्छे खांचले " तब बेटा अपने " बाप की दाढी पकड जेर करदेते है फिरतों मांबाप और लडका खुशीके मारे फूले ही नहीं समाते है मातापिताके आचरण का असर लडको पर इस कदरका पड जाते है कि फिर लाखों उपाय करने पर भी नहीं मिटता है कारण लडका तो फोटुग्राफ का कांच है मातापिता या कुटम्बियों का जैसा का तैसा आचरण उस बच्चों के हृदयमे उतर जाता है पुनः जैसे कोरे कागजपर जी चाहे जैसे अक्षर लिखलो फिर उसको मीटा के दूसरे साफ अक्षर लिखना चाहेतो मुश्किल ही नहीं पर दुःसाध्य है देखिये हमारे बालबालिकाओ को चोरी करना चीलम बीडी सीगरेट भांग गंजा पीना किसने सिखाया ? व्यभिचार की गालिये किसने सिखाई ? लडकियों को गोबर लाना खराब गीत गाना ढोल पर मैदानमे नाचना किसने सिखाया ? क्या कोई इनके लिये स्कूल है कि जिसमे सीखी ? इन सब बातों के लिये उनका धर ही स्कूल है और मातापिता उनके शिक्षक है इतना ही नहीं पर मुल्ला पीर फकीर योगी सन्यासी आदि के दोरा मादलीया धूमंत्र
हते
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