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________________ बालविवाह. (१) युवकसे चाहता हूं कि १६ वर्षसे कम उम्मर की लडकी के साथ विवाह न करने का निश्चय करलें । मुजे यह कल्पना ही नहिं होती कि १५ वर्ष की लडकी विधवा हों। धन के या कीसी दूसरे लालचसे माता पिता किसी लडकी का विवाह उस की स्वीकृति सिवाय करदेवें तो मैं उस लडकी को विवाहित हुई मानता नहीं हूं।" (२१) श्री दयाराम गीदुमल बी. ए. एल. एल. बी. आई. सी एस. ज्युडीशीथल कमीश्नर सिन्धा- हमारे पतन का एक मात्र कारण है कि हम अपने बच्चों का विवाह अल्पायुमें ही कर देते है और उस का परिणाम होता है कि गरीब पत्नियों के कारण उनका शारीरिक हास हो जाता है और वे बराबर बीमार रहने के कारण गृहस्थ के सचे सुखोंसे वंचित रहते हैं । " । (२२) राय बहादुर चौधरी दीवानचंद्र सैनी बी. ए. एल. एल. बी. " वर वधु यौवनावस्था को प्राप्त कर जब तक विवाह का उद्देश्य को न जान लें तब तक उन का गुडे गुड़ियों की तरह विवाह कर देना सर्वथा निन्दनीय और देश को गारत करता है।" . . (२३) राय बहादर भार. एस. मधोलकर. बी. ए. एल. एल. बी. "बच्चों का विवाह कम उम्र में करना बहुत बुरा है इसी से बालक बालिका दोनों की बहुत अधिक हानी है। स्वास्थ्य खराब हो जाता है । ऐसे विवाहों से अधिक हानी बालिकाओं को ही उठानी पडती है और स्त्री उन्नति एक बार ही
SR No.002448
Book TitleJain Jati mahoday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherChandraprabh Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1995
Total Pages1026
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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