SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 907
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ७० ) जैन जाति महोदय प्रकरण क्ठा. (१६ ) दीवान नरेन्द्रनाथजी “ शिशुविवाह बन्द करने से ही देश का उद्धार हो सकेगा" (१७ ) देशभक्त शेठ जमनालालजी बजाज " लडके की शादी १८ साल पहेले और लडकी की शादी १४ वर्ष पहले करनी नहिं चाहिये । छोटी उम्रमें विवाह कुदरत और आरोग्य के नियमोंसे खिलाफ है।" (१८) ओनरेबल जस्टिस सर एस. सुब्रह्मन्य एयर " समजदार व्यक्ति नहिं पूछ सकता कि बाल विवाहसे कीतनी हानी है ? सभी लोग जानते है कि अल्पवयस्क बच्चों के माता पिता हो जानेसे देश को कितना भयानक नुकशान है-उनकी निर्बल संतानोंसे देश कया आशा कर सकता है ? क्या ऐसे विवाहो के लिये हमाग धर्म आज्ञा देता हैं ? नहीं कदापि नहीं" (१६ ) रायबहादूर हीरालालजी बी. ए. एम. आर. ए. एस. “ बाल-वृद्ध और बेजोड विवाहोंसे देश की बडी हानीयाँ हुई है । अतः जब तक इन कुप्रथाओं का सत्यानाश न होगा तब तक देशोन्नति भोर समाजोन्नति की प्राशा करना " मृगजलवत् है" देश के माननीय नेताओं के मत इस. बाल विवाह के विषय में इस प्रकार है. (२० ) महात्मा गांधीजी कहते है कि " ऐसी लडकीए को. जो कि गोदमें बैठने लायक पुत्री के समान है, पत्नी बना लेना धर्म नहिं-यह तो अधर्म की पराकाष्टा है । मैं तो भारत के हरएक
SR No.002448
Book TitleJain Jati mahoday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherChandraprabh Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1995
Total Pages1026
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy