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बालविवाह.
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(११) डा० चन्द्रकुमार दे. एम. डी. बालिकाओं का विवाह की श्रायु कमसे कम १४ साल की होनी ही चाहिये.
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" भारतवर्ष में करती है, और
( १२ ) डा० नोरमन चेवर्स एम. डी. प्राय: एक ही उम्मर में बालिकायें पूर्ण योवन प्राप्त यह उम्मर १७ या १८ वर्ष मानी गई है । यदि एकदम स्वस्थ सन्तान पैदा करना हो तो लडकीयों का विवाह १८ वर्ष की आयु के पहले नहीं होना चाहिये खास कारण में कमसे कम १६ वर्षमें विवाह किया जा सकता है
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(१३) श्रीयुत् चांदकरणजी शारदा. बी. ए. एल. एल. बी. " भावी सन्तान के शुभचिन्तक हैं तो भारत वर्ष की as को खोखली करनेवाली बालविवाह जैसी कुप्रथा को मटिया मेट कर दों और याद रखो कि “ शीघ्र परण- शीघ्र मरण.
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(१४) न्यायमूर्ति रावबहादूर जस्टिस महादेव गोविन्द रानाडे. सी. आई. ई. " विधवाओं की दयाई अवस्था ही समाज और जाति की उन्नति में बाधारूप है - यह कायड शिशुविवाहसे ही होता है । विवाह की आयु बढा देनी चाहिए - यह श्रायु जितनी अधिक की जा सके उतना ही देश और समाज को लाभ होगा "
(१५) बाबु नरेन्द्रनाथ सेन " शास्त्रों की प्राज्ञा है कि स्त्री का १६ वर्ष पूर्व और पुरुष का २५ वर्ष पूर्व विवाह नहीं करना चाहिये शास्त्रों को पढना छोडनेसे बहुत सी कुरुढीयों घूस गई है । जब धर्म ही ऐसा कुकृत्य करने को रोकते है तो विना संकोच बाल विवाहादि को बन्दकर देना चाहिए "