________________
( १८) जैन जाति महोदय प्रकरण कट्टा. होगी । ये सब बातें मैं स्वास्थ्य, नैतिक, सामाजिक और गाईस्थिक लाभों की द्रष्टिसे ही करता हुं"
(८) डा. जोसेफ युबर्ट एम. डी. "हिन्दुस्तान की स्त्रियों को १६ वर्ष की आयु होने के पश्चात ही विवाह करने के लिये उत्साहित करना चाहिये । यदि विवाह १८ या १६ वर्ष की आयु तक किया जाय तो प्रत्युत्तम हो ।"
(8) डा० मेलाराम सैनी बी. ए. एम. बी. (लन्दन) " बालविवाह विषधारी सर्प है इसीने भारत के होनहार बच्चों को निगल ही लिया है । उन्में वीर्य नहिं रहा, बुद्धिबल भी मिट गया है। उनके चहेरे को देखने से यह ज्ञान नहीं होता कि ये किसी धार्मिक पुरुष की सन्तान हैं । इसी बाल विवाह के कारण ही हम भारतवासीयों की तन्दुरस्ती ३०-४० वर्ष के भीतर ही खराब हो जाती है इस लिये लडकी का विवाह १६ वर्षसे पहेले और लड़के का २० वर्ष से पूर्व किसी दशामें नहीं होना चाहिये ।"
(१०) आयुर्वेदाचार्य प्रो. चतुरसेन शास्त्री देहली. "पशुपक्षी तंदुरस्त और सबल दिखते है-पूर्णायु प्राप्त करते है, कभी रोगी नहिं होते । पशु-पक्षी बच्चेको जन्म देते ही चलने फिरने योग्य हो जाती है-चिडियां अण्डे देकर फूदक कर दूसरी डाल पर जा बैठती है । कंकर पत्थर तक पचा देती है-उन को रोगी होने की और दवा लेने की जरुर ही नहिं पडती । परन्तु मनुष्य समाज में स्त्री पुरुष दोनों ही रोगी और कमजोर, अपनी रक्षा के हजार उपाय करने परभी अकालमें मरजाते है । अनेक रोगों का एक मात्र कारण यह बालविवाह-व्यभिचार की प्रवृत्ति है।"