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जैन जातिमहोदय प्रकरण कडा.
जरिए वह कुरूढी इतना भयंकर रूप धारण कर भारत को गारत बना देगी अर्थात् देश का सर्व सत्यानाश कर देगी इस बात की हमारे पूर्वजों कों कल्पना मात्र भी नहीं थी वह आज हमारे समाज के नेताओंने कर के बतला दी ।
यह बात निर्विवाद सिद्ध है कि समाज का भविष्य समाज के नैता और धनाढ्यों पर निर्भर है, यदि वे चाहें तो समाज को. उन्नति के उच्च शिखर पर पहुंचा दे और चाहें तो अवनिती के गहरे गड्ढे में भी गिरा दे, कारण साधारण जनता तो उनके हाथ की कढ पुतलिये है; ज्यों वे नचावें वैसे ही नाचने को तैयार है अगर वह ऐसा न करें तो उन सताधीसों के सामने उन का जीना भी मुश्किल हो जाय ।
जब भारत में मुस्लमानों का जोर जुल्म मिट गया अंग्रेजो का राजसे भारत में शांति का साम्राज्य स्थापित हो गया, अगर हमारे समाज नेता और धनाढ्य लोग इस बाल विवाहरूपी प्रथा को जड़ामूलसे नष्ट करनी चाहते तो वे आसानीसे कर सके पर उन्होंने ऐसा नहीं किया । इतना ही नहीं पर आप श्रीमानोंने तो उन कुरूढियों को अपनी तरफसे खूब सहायता दे करके उनके पैर सुदृढ कर दिए, उसका हि फल है कि आज हम जितने बाल लग्न धनाढ्यों के घरों में देखते हैं उतना साधारण जनताके धरों में नहीं है, यह कहना भी अतिशय युक्ति न होगा कि; कितनेक धनाढ्यों के तो गर्भमें रहे हुए बालिकाओं और बच्चों के सगपण