SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 775
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १८२ ) जनजाति महोदय प्रकरण पांचवा. बाहन नामक राजा बैठा । इसने भी जैनधर्म के प्रचार करने में अटूट परिश्रम किया । इसने जो मन्दिर बनवाए तथा श्री सिद्धाचलजी का वृहद् संघ निकाला उसका वर्णन जैनग्रंथो में विस्तार पूर्वक पाया जाता है । इसने भी जैन समाज को एक जगह एकत्रित करने के हेतुसे जैन सभा का विराट् आयोजन किया था । जैनधर्म के प्रचार के हेतु इसने कई संस्थाएं स्थापित की । इन संस्थाओं में स्वयंसेवक तथा वैतनिक कार्य कर्त्ताद्वारा जैनधर्म प्रचारका बहुत काम कराया गया । इस नरेशने खास उज्जैन नगरी में एक विशाल मन्दिर श्री ऋषभदेवस्वामी का बनवाया । इस भव्य भवन का नाम इसने नभप्रासाद रखा । इस तरह इसके द्वारा भी जैनधर्म का खूब प्रचार हुआ । शेष आगे के प्रकरणों में । ·
SR No.002448
Book TitleJain Jati mahoday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherChandraprabh Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1995
Total Pages1026
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy