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(८२) जैन जाति महोदय प्र० चोथा.
इत्यादि मोसवाल बातिमें हमारों नहीं पर लाखों की संख्या में वीर पुरुष हुवे है जिसमें संघि भंडारी मुहता मुनोयतादि के वीगेनेतो अनेक संग्राम में अपनि वीरताका परिचय दे देशका रपाण कीया जैसे प्रोसवाल ज्ञाति संग्राममे शूरवीर है वैसे ही दानमें उदार चित रखते है केइ दफे भयंकर दुष्कालमे अर्डवों खर्डब द्रव्य खरच कर देशके प्राण वचाये थे, कारण उन्होंमें धार्मिक संस्कार सरूसे ही एसे डाले जाते है कि वह परोपकार के लिये
ओर तो क्या पर अपने प्यारे प्राण देने मे भी पीच्छे नहीं हटते है इसी लिये ही इस पवित्र ज्ञाति की उज्ज्वल कीर्ति विश्व व्यापि हो रही है यह ज्ञाति वृहत् रत्नाकर है उनसे जीतना इतिहास हमे मिला व भविष्य मे मिलेगा वह क्रमशः आगे के प्रकरणों मे दीया जावेगा ।
अन्तमे हम हमारे जैन जाति हितैषीयोंसे सादर निवेदन करते है कि इस पवित्र ज्ञातिमें अनेक महापुरुष हुवे है जिन के इतिहास संबन्धी आप और आपके प्यारे मंत्रों के पास कोइ भी लेख, ख्यातों, खुरशीनामा, पट्टा . परवाना वगरह जो प्रस्तुतः किताब को मददकार हो वह कृपया हमारे पास भेजावे कि आगे के प्रकरणों मे उसे मुद्रित करवा दीये जावें इस किताब के लिये जितनी विशेष सामग्री मिलेगा उतना ही इस झाति का गोरव वडेगा इत्यालम