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भोसवाल हाति का परिचय. (१) करें परं प्रामवासियों को गरम हवा तक भी नही पाने देवे इस परोफ्कार वृत्ति से ही दुनियों मे भोसवालों का मानमहत्व मशहूर है।
(२२) प्रोसवालों के घरो में गौधन का पालनभोसवालो के घरों में गौधन का पालन विस्तृत संख्या मे होता है एसा शायद ही घर होगा कि जिस घर में गौमाता का पालन न होता हो ? सन्तान वृद्धि और वीरता का मुख्य कारण कहा जाय तो गौ का पालन करना ही है दूसरी बात यह भी है कि भोसवालों के घरों में गौ का पालन इतनी उत्तम रीती से होता है कि आप कष्ट सहन कर लेने पर भी गौ को तकलीफ नहीं होने देते । इसी कारणसे दूसरोंसे पंच दश रूपये प्रोसवालोंसे कम लिये जाते है कीसानोंको विश्वास है कि प्रोसवालोंके घरोंमे गौधन बहुत सुखी रहते है उन गौमोंका लाभ केवल प्रोसवालों को ही नहीं पर दुध दही छास वगैरहका बहुतसे लोगोंको भी लाभ मिलता है यह उनकी उदारता का परिचय है।
. (२३) ओसवालोंके याचक-पोसवालोंके न्याति-जाति पंच पंचायति सादी व संघ संबन्धी हरेक कामकाज अर्थात् एक घर संबन्धी व समुदाय संबन्धी कोई कार्य हो उनके लिये सेवग जाति मुकरर है वह श्रोसवालोंके हरेक कार्य करने को व टैलबन्दगी में हाजर रहते है और जैनमन्दिर उपासराओंका काजा कचरा निकालना वरतन चिरागबत्ती घीसके तय्यार रखना इत्यादि और उन सेवग जातिके निर्वाह के लिये प्रोसवालोंने प्रतिदिन प्रत्येक घरसे एकेक रोडी देणा और लग्न सादी में त्याग वगरहके रूपये देना कि जिससे उन सेवगोंका