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________________ ( १२ ) श्री जैन जाति महोदय प्र० चोथा. जैन लेख संग्रह खण्ड पहला-दूसरा. संग्रहकर्ता-श्रीमान् बाबूपुरखचंद्रजी नाहार. लेखांक. वंस और गोत्र-जातियों. लेखांक वंस और गौत्र जातियों. ४. उपकेशवंसे जाणेचा गोत्रे ४९७) उपकेशज्ञाति आदित्यनागोत्रे ५. उपकेशवंसे नाहारगोत्रे चोरवडिया साखायां ६ उपकेशज्ञाति भादडागोत्रे ५०९ उपकेशज्ञाति चोपडागोत्रे 2 उपकेशवंसे लुणियागोत्रे । ५९६ उपकेशज्ञाति भंडारीगोत्रे उपकेशवंसे बारडागोत्रे ५६८ ढढियाग्रामे श्री उएसवंसे २६ उपकेशवंसे सेठियागोत्रे ६१० उकेशवंसे कुर्कटगोत्रे ४१' उपकेशवंसे संखवालगोत्रे । ६१९ उपकेशज्ञाति प्रावेचगोत्रे ४७ उपकेशवंसे ढोका गोत्रे ६५९ उपकेशवंसे मिठडियागोत्रे ५० उपकंशज्ञातौआदित्यनागगोत्रे ६६४ श्री-श्रीवंसे श्रीदेवा +++ ५१) उपकेशनातौ बंबगोत्रे इस ज्ञाति का शिलालेख ७४ उ० बलहागोत्रेगंकासाखायां . पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर वीरात् ८४ वर्ष का हाल ७५ उकेशवंसे गान्धीगोत्रे कि शोधखोज में मिला है १३. उकेशवंसे गोखरू गोत्रे वह मूर्ति कलकता के अजायब घरमें संरक्षित है ( श्वेनाबर जैन में ) ९६ उपकेशवंसे कांकरियागोत्रे १०१२ उ० ज्ञाति विद्याधरगोत्रे
SR No.002448
Book TitleJain Jati mahoday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherChandraprabh Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1995
Total Pages1026
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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