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• ओसवाल जाति समय निर्णय. ' ( ११) चुके है तथापि हमें यहांपर खास आज जिन जिन जातियों के प्रचलित नाम ओस वंस के साथ बतलाये जाते है उन उन जातियों के शिलालेखों का वह भाग यहां दे देना ठीक होगा कि उन जातियोंका मूल वंस ओसवाल नहीं पर उएश-उकेश-उपकेश है उनको ही
आज ओसवाल कहते है । यद्यपि उनके लेखांक और जाति वंसके साथ उन शिलालेखों के संवत् भी लिखना था. पर हमें यहांपर समय निर्णय के पहिले वंस निर्णय करना है इस हालत में उन शिलालेखों के संवन लिखना अनुपयोगी समझ मुल्तवी रखा गया है इसपर भी देखनेवाले मुद्रित पुस्तकों से देख सक्ने है ।
प्राचीन जैन शिलालेख संग्रह भाग दूसरा.
___ संग्रहकर्ता--मुनि जिनविजयजी. लेखांक. वंस और गोत्र-जातियों लेखांक वंस और गौत्र-जातियों
३८४ उपकेशवंसे गणधरगोत्रे २५९ उपकेशवंसे दरडागोत्रे ३८५ उपकेश ज्ञाति काकरेच गोत्रे २६० उपकेशवसे प्रामेचागोत्रे ३९९ उपकेशवंसे कहाङगोत्रे ३८९ उ० गुगलेचा गोत्रे ४१५ उपकेश ज्ञाति गदइयागोत्रे ३८८ उ० बुंदलियागोत्रे ३६८ उपकेशज्ञाति श्री श्रीमालचं- ३९१ उ० भोगर गोत्रे
डालिया गोत्रे ३६६ उ० रायभंडारी गोत्रे ४१३ उपकेश ज्ञाति लोढागोत्रे २६५ उकेशवंसिय वृद्धसज्जनिया