________________
ऐतिहासिक प्रमाण.
(१५)
I
प्रोफेसर बेबर बुल्हर जेकोबी हॉरनल भांडारकर ल्युयन राइस गॅरीनोट वगैग विद्वानोए जैन धर्मना संबंधमां अंतःकरण पूर्वक प्रथाग परिश्रम लेई अनेक महत्वनी शोधो प्रगट करेली छे । जैन धर्म पूर्वना धर्मोमा पोतानो स्वतंत्र स्थान प्राप्त करतो जाय छे. जैन धर्म ते मात्र जैनोनेज नहीं परंतु तेमना सिवाय पाश्चात्य संशोधनना प्रत्येक विद्यार्थी ने खास करीने जो पौर्वात्य देशोंना धर्मोना तुलनात्मक अभ्यासमां रस लेता होय तेमने तल्लीन करी नाखे एवो रसिक विषय छे.
(२५) डाक्टर F. OTTO SCHRADER, P. H. D. का एक लेख बुद्धिष्ट रिव्युना पुस्तक अंक १ मां प्रकट थयेला हिंसा वनस्पति प्रहार शीर्षक लेख का गुबराती अनुवाद जैन साहित्य संशोधक अंक ४ में छपा है उसमेंसे कुछ वाक्य उध्धृत |
अत्यारे अस्तीत्व धरावता धर्मोमां जैन धर्म एक एवो धर्म छे के जेमां हिंसानों क्रम संपूर्ण छे त्राह्मण धर्ममां पण घणा लांबा समय पच्छी सन्यासीओ माटे या सुक्ष्मतर हिंसा विदित थईने खरे वनस्पति हारना रुपमां ब्राह्मण ज्ञातिमां पण ते दाखील थई हती. कारण ए छे के जैनोना धर्म तत्वोए जे लोक मत जीत्यो हतो तेनी असर सज्जड रीते वधनी जती हती.
(२६) राजा शिवप्रसाद सतारेहिंद ने अपने निर्माण किये हुये " भूगोल स्तामलक " में लिखा है कि दो-ढाई हजार वर्ष पहिले दुनियाका अधिक भाग जैन धर्मका उपासक था ।