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________________ आदर्श-ज्ञान लिये वहाँ छत्री बनाई व उनकी याद में | चैत्र कृष्णा १४ का मेला भरता था। (२८) जीतमलः-आपका चोत्ताल में बड़ा ही मान था। (२९) भूरमलः-बड़े ही मुत्शदी थे। (३०) नवलमलः-बनाड़ से बीसलपुर आये (१९४० वर्ष) - घेवरचन्द गणेशमल हस्तीमल बस्तीमल मीश्रीमल गजमल (हमारे चरित्र नायकजी) माणकचन्द मोतीचन्द जौहरचन्द . ३-जन्मल जोधपुर के पूर्व में ६ मील पर बनाड़ नामक छोटा सा कस्बा है । इसको बैन प्रतिहार ने विक्रम की तेरहवीं शताब्दी में आबाद किया था, क्रमशः इसने एक खासा नगर का रूप धारण कर लिया था, कहा भी है किः __नव नांदड़ा बारह जाजीवालो, जिण बिच बड़ा बनाई" । __अर्थात् नौ नांदड़ा प्राम और बारह जाजीवालो एवं २१ ग्रामों के बीच में बनाड़ा बड़ा शहर था। .. "सौ कुवां, सवासो बाव, पग पग पाणी सात तलाब"। ,
SR No.002447
Book TitleAadarsh Gyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnaprabhakar Gyan Pushpmala
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1940
Total Pages734
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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