________________
वैराग्य का कारण युवक-नहीं, मेरे माता, पिता, भाई, स्त्री वगैरह सब हैं ।
ब्राह्मण-तो फिर इस प्रकार की तकलीफ में आप के पास कोई नहीं, इसका क्या कारण है ?
युवक-महाराज मैं मेरी आदत से लाचार हूँ। ब्राह्मण-मैं उस आदत को जानना चाहता हूँ ?
युवक-मेरी जवानी उम्र है, मेरी संगति भी ऐसे पुरुषों से है जिससे ऐशआराम में अधिक द्रव्य खर्च कर दिया जाता है। यह बात मेरे पिताजी को पसंद नहीं है जो कि पुराने सिद्धान्तों को मानने वाले व सादी चाल चलने वाले हैं । यद्यपि मैं व्यापारादि में द्रव्य उपार्जन भी काफी कर लेता हूँ तथापि खर्च करना उन्हें अच्छा नहीं लगता है, यही कारण है कि उन्होंने मुझे अलग कर दिया है। . . ब्राह्मण-आपकी स्त्री तो आपके पास ही रहती होगी, वह भी क्यों नहीं दिखती है ? ____ युवक-वे अपने पीहर जो यहां से दश कोश के फासले पर
सेलावस ग्राम है वहां गये हैं। ___ ब्राह्मण-खैर, सेठजी आपके पास कोई आदमी नहीं है तो मैं दवाई तैयार कर देता हूँ।
बज, ब्राह्मण देवता ने पास ही में स्थित एक गूंदी के झाड़ के पत्ते तोड़ कर ले आये और कापरड़ाजी का मूरड़ (मिट्टी), बस इन दोनों को खूब पीस कर करीब एक सेर भर का पिंड बना कर फोड़े पर कस कर बांध दिया, बाद ब्राह्मण ने जाने की इजाजत मांगी।