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________________ में पुलिस स्टेशन रिपोर्ट लिखवाने गया । दक्ष के घर आते ही - ) विधि : क्या हुआ दक्ष ! कृपा मिली, कहाँ है वो ? दक्ष : विधि ! टेन्शन मत लो, पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखवाई है, सब ढूँढ रहे हैं। शारदा : हाँ बेटा ! तुम रो रो कर अपना शरीर खराब मत करो, भगवान से प्रार्थना करो सब ठीक हो जाएगा। (इस प्रकार वह रात तो टेन्शन से रोने में ही चली गई, दूसरे दिन सुबह सात बजे फोन की घंटी बजी।) द- हेलो पुलिस : हेलो मि. दक्ष ! आप की बेटी कृपा मिल गई है। आप पुलिस स्टेशन आकर उसे ले जाईए । ( फोन रखते ही .....) दक्ष : विधि ! विधि ! सुनो कृपा मिल गई है। विधि : ( भागती हुई ) क्या? कहाँ है कृपा ? दक्ष : अरे शांति रखो, अभी-अभी पुलिस स्टेशन से फोन आया है कि कृपा मिल गई है । मम्मी- पापा, विधि चलो हम सब कृपा को लेने जाते है । ( चारों गाड़ी में बैठकर पुलिस स्टेशन पहुँच गये ? पुलिस स्टेशन के बाहर ही विधि कृपा से लिपटकर रोने लगी।) विधि : (कृपा के सिर पर हाथ फेरते हुए) बेटा ! कहाँ चली गई थी तू? हे भगवान तेरा लाख लाख शुक्र है जो मेरी बेटी सही सलामत मिल गई बेटा ! तुझे कही लगी तो नहीं ना ? .... (और इस तरफ सुधीर और दक्ष पुलिस इन्स्पेक्टर के साथ) सुधीर : इन्स्पेक्टर साहब। बहुत-बहुत धन्यवाद ! आपने कृपा को ढूँढने में हमारी इतनी मदद की। क्या हम कृपा को घर ले जा सकते हैं ? पुलिस : हाँ क्यों नहीं ? बस इन कानूनी कागज़ पर साईन करके आप कृपा को ले जा सकते हैं। (साईन करके पाँचों वापस घर आए, घर के बाहर आते ही ) शारदा : चलो विधि ! अब हम चलते हैं, कृपा का ध्यान रखना, कृपा बेटा ! कहीं जाना मत। (ऐसा कहकर शारदा और सुधीर वहाँ से निकलने लगे। इतने में -) विधि : एक मिनट मम्मीजी ! आप कहाँ जाने की बात कर रहे हो? शारदा : बेटा ! अपने घर । विधि : (अपने घर की तरफ इशारा करते हुए ) मम्मी यह घर आपका ही तो है ।
SR No.002439
Book TitleJainism Course Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages230
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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