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2. नीचे देखकर चलना चाहिए। रास्तें में कहीं पर भी निगोद जमी हुई हो तो एक तरफ हटकर स्वच्छ जगह हो वहाँ से चलें।
3. मकान के कम्पाउन्ड में चलने के रास्ते पर निगोद उत्पन्न न हो उस हेतु बारिश का मौसम शुरु होने से पहले ही निम्न उपाय कर सकते है
* निगोद न हो ऐसी मिट्टी को बिछा देना अथवा ऐसी फ्लोरींग करा देना ।
* डामर अथवा सफेद रंग के ऑइल पेन्ट का पट्टा लगा देना ।
4. एक बार यदि निगोद हो जाए तो उस पर मिट्टी नहीं डालनी चाहिए। न साफ करना या न उखड़नी चाहिए और न ही कलर या डामर का पट्टा लगाना चाहिए। स्वाभाविक तरीके से वह सूक न जाए तब
तक उस पर कुछ नहीं करना चाहिए ।
5. लकड़ी के ऊपर रंग, वार्निश, पॉलिश करने से निगोद की उत्पत्ति नहीं होती है।
फूलन को पहचानो
बासी खाद्य पदार्थ आदि पर सफेद रंग की फूग दिखाई देती है। यह चौमासे में विशेष होती है। मिठाई, खाखरा, पापड़, वड़ी व अन्य वस्तु पर गीलेपन के कारण रातो रात सफेद फूग जम जाती है। फूग होने के बाद वह खाद्य पदार्थ अभक्ष्य बन जाता है। उस वस्तु का स्पर्श करना अथवा यहाँ-वहाँ रखना भी निषेध है। यह फूग अनंतकाय है। इसे निगोद भी कहते है । इसके एक सूक्ष्मकण में अनंत जीव होते हैं।
फूलन की रक्षा करो
* खाद्य पदार्थों को टाईट दक्कन वाले डिब्बे में रखें। डिब्बें में से वस्तु लेते समय हाथ थोड़ा भी गीला न हो उसका ध्यान रखें और हो सके वहाँ तक चम्मच का उपयोग करें। डिब्बे का ढक्कन बराबर बंद करें।
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* जिस चीज़ पर फूग जमी हो उसे अलग ही रखें तथा उसे कोई स्पर्श न करें। उसका ध्यान रखें। * मुरब्बा आदि की चासणी तीन तार वाली न होने के कारण कच्ची रहने से फूग हो जाती है। * गरम-गरम मिठाई को डिब्बे में बंद कर देने से फूग उत्पन्न हो जाती है।
* बुंदी में चासणी यदि कच्ची रह गयी हो तो भी फूग हो सकती है।