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9. डामर
10. केरोसिन
11. राख
12. कपूर
: डामर के ऊपर निगोद की उत्पत्ति नहीं होती। इससे उदेहि की उत्पत्ति भी रुकती है। : शरीर पर केरोसिन लगाने से मच्छर नहीं काटते। ज़मीन पर केरोसिन वाले पानी से
पोछा करने से चींटियाँ नहीं आती है।
: चींटियों की लाईन के आस-पास राख डालने से वे चली जाती है। अनाज में राख मिलाकर डिब्बे में रखने से अनाज सड़ता नहीं है। : कपूर की गोली की गंध से चूहे दूर भागते हैं तथा आना-जाना -
- दौड़ना कम हो
जाता है। कपूर का पाउडर आस-पास डाल देने से चींटियाँ भी चली जाती है। : लकड़ी की अलमारी में यह रखने से जिंगुर (कॉकरोच) की उत्पत्ति नहीं होती ।
कुंकुम डालने से चींटियाँ चली जाती है।
हल्दी डालने से चींटियाँ चली जाती है।
: लाल रंग का चूना (गेरु) दीवार पर पोतने से उदेहि नहीं होती है।
13. गंधारोवण
14. कुकु 15. हल्दी
16. गेरु
17. रंग - वार्निश - पॉलिश : लकड़ी पर निगोद और जीवोत्पत्ति रोकने हेतु ।
निगोद को पहचानो
:
वर्षाऋतु में घर के कम्पाउन्ड में, पुरानी दीवारों और छत पर हरी, काली, भूरी आदि कई रंगों की (सेवाल - लील) जम जाती हैं। उसे निगोद कहते हैं। आलू आदि कंदमूल के जैसे ही निगोद भी अनंतकाय है। उसके एक सूक्ष्मकण में अनंत जीव होते हैं।
उसके ऊपर चलने से, सहारा लेकर बैठने से, उस पर वाहन चलाने से अथवा उस पर कोई वस्तु रखने से या पानी डालने से निगोद के अनंत जीवों की हिंसा होती है। आलू (बटाटा) आदि अनंतकाय है। जब उन्हें दांतों तले चबाना महा पाप है तो अनंतकाय ऐसी निगोद को हम पैरों के नीचे कैसे कुचल सकते हैं?
निगोद की रक्षा करों
1. जो जगह अधिक समय तक गीली रहती है, वहाँ निगोद की उत्पत्ति होती है । बाथरुम भी यदि पूरा दिन गीला रहे तो उसमें भी निगोद की उत्पत्ति होती है। इसलिए घर का कोई भी स्थान अधिक समय तक भीगा न रहे, इसकी सावधानी रखें। -