SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 290
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ समाधिनिद्देसो २६३ एवमयं दिट्ठधम्मसुखविहारादि पञ्चविधो समाधिभावनाय आनिसंसो। तस्मा नेकानिसंसम्हि किलेसमलसोधने। . समाधिभावनायोगे नप्पमज्जेय्य पण्डितो ति॥ एत्तावता च "सीले पतिवाय नरो सपो" ति इमिस्सा गाथाय सीलसमाधिपामुखेन देसिते विसुद्धिमग्गे समाधि पि परिदीपितो होति॥ इति साधुजनपामोजत्थाय कते विसुद्धिमग्गे समाधिनिद्देसो नाम एकादसमो परिच्छेदो॥ पठमो सीलनिद्देसो। दुतियो धुतङ्गनिद्देसो। ततियो कम्मट्ठानग्गहणनिद्देसो। चतुत्थो पथवीकसिणनिद्देसो। पञ्चमो सेसकसिणनिद्देसो। छट्ठो असुभनिद्देसो। सत्तमो छअनुस्सतिनिद्देसो। अट्ठमो सेसानुस्सतिनिद्देसो। नवमो ब्रह्मविहारनिद्देसो। दसमो आरुप्पनिद्देसो। समाधि (पटिक्कूलसा -धातुववत्थानद्वय)-निद्देसो एकादसमो । भावना निरोध-माहात्म्य वाली होती है। अतः कहा गया है-"सोलह ज्ञानचर्याओं एवं नौ समाधिचर्याओं द्वारा वशिता (=कुशलता) के रूप में प्राप्त प्रज्ञा (ही) निरोधसमापत्ति का ज्ञान है।" (खु० ५/४)। (५) यों समाधिभावना का यह माहात्म्य दृष्टधर्मसुखविहार आदि पाँच प्रकार का है। इसलिये अनेक माहात्म्य वाले, क्लेशरूप मल का शोधन करने वाले समाधि-भावना रूप योग में पण्डित कुछ भी प्रमाद न करे॥ ___ यहाँ तक, 'शील-समाधि-प्रज्ञा' शीर्षक से उपदिष्ट विशुद्धिमार्ग में 'सीले पतिद्वाय नरो सपळो' इस गाथा द्वारा समाधि की भी व्याख्या की गयी। साधुजनों के प्रमोद हेतु विरचित विशुद्धिमार्ग में समाधिनिर्देश नामक एकादश परिच्छेद सम्पन्न । (इस ग्रन्थ में) प्रथम निर्देश का नाम है-शीलनिर्देश, द्वितीय का नाम है-धुताङ्गनिर्देश, तृतीय का कर्मस्थानग्रहणनिर्देश, चतुर्थ का पृथ्वीकसिणनिर्देश, पञ्चम का नाम शेषकसिणनिर्देश, षष्ठ का नाम-अशुभ निर्देश, सप्तम का षडनुस्मृतिनिर्देश, अष्टम का शेषानुस्मृतिनिर्देश, नवम का ब्रह्मविहारनिर्देश, दशम का आरूप्यनिर्देश, एकादश का समाधिनिर्देश या प्रतिकूलसंज्ञा-धातुव्यवस्थानद्वयनिर्देश नाम है। 2-19
SR No.002429
Book TitleVisuddhimaggo Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDwarikadas Shastri, Tapasya Upadhyay
PublisherBauddh Bharti
Publication Year2002
Total Pages386
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy