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आवश्यक सूचना खाध्याय के समान दूसरा कोई तप नहीं स्वाध्याय सर्व दुःखों से विमुक्त करने वाला है
[सभाय सव्व दुक्ख विमोक्खणे] प्रिय विज्ञ पुरुषो! आपको यह जानकर अत्यन्त हर्ष होगा कि हमने, साहित्यरत्न जैनधर्मदिवाकर उपाध्याय मुनि श्रीआत्माराम जी महाराज संगहीत तत्त्वार्थसूत्र जैनागमसमन्वय में से केवल मूल-सूत्रों
और मूल आगम-पाटों को, उनसे ही पुनः सम्पादित कराकर, स्वाध्यायप्रेमी महानुभावों के लिये, एक सुन्दर गुटका के आकार में प्रकाशित कर दिया है । इस स्वाध्याय गुटका में पूर्व प्रकाशित