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(३) उक्त शास्त्रों के विषय में विशेष परिचय प्राप्त करने के लिये इस विषय के जैन ऐतिहासिक ग्रंथ देखने चाहिये। ___ अनेक महानुभावों ने उक्त आगमों के आधार पर अनेक प्रकार के ग्रंथों की रचना की है, जिनका अध्य. यन जैन समाज में अत्यन्त आदर और पूज्य भाव से किया जा रहा है। इन लेखकों में से भी जिन महानुभावों ने आगमों में से आवश्यक विषयों का संग्रह कर जनता का परमोपकार किया है उन को अत्यन्त पूज्य दृष्टि से देखा जाता है और उनके ग्रन्थ जैन समाज में अत्यन्त आदरणीय समझे जाते हैं। वर्तमान ग्रन्थ तत्त्वार्थ सूत्र (मोक्ष शास्त्र) की गणना उन्हीं आदरणीय ग्रंथों में है। इस ग्रन्थ में इस के रचयिता ने आगमों में से आवश्यक विषयों का संग्रह कर जनता का परमोपकार किया है। इसमें तत्त्वों का संग्रह समयोपयोगी तथा सूक्ष्म दृष्टि से किया गया है