________________ -सम्मान्तकिरिया गाम जावतशाओ सम्माद्दिडी कम्मप्पाडी मोबेधत्ति, प्रायोण अप्पसत्याउने | बंधति / इदाणि मिच्छदिड्डी सल्लासि कम्मपगडीणं मिच्छादिड्डी तु बंधओ होइआहाररातिशास्तं चमातूणं सम्मामिच्छदिट्ठी उदाणिजाओ कामपाडीऔ बंधति येन बंधलि यताओ विभासितबाओ, लं जहाँ-सम्मामिच्छद्दिवी मिच्छतं पंचगं आहारगं तित्थक रविभासा णिहाणिहा पयलापयला-श्रीग क्षीण बंधी एवं तू एवमादिव उवाठिाणं- - णाम ठपणा दविए खेतद्धा उड्ड उवरती वसही। ...... संजम पगह जो है अचल ID संधणा भाव // 16 // ----- णाम ठवणा दविएश्वेतऽद्धा. Mar| जहा लोगविजय [आचा० निगा] भाणि ताओ किरिया ओ द्वाणं च // एत्थकतराहि कतरेण ठाणेण अधिकारो,लत उच्यते समुदाणियाणिह ओ सम्मपयुत्तेण भाव ठरणेण / "किरियाहिं पुरिस पावातिएतुसवे परिक्विज्जा ||168 // ----------...--- --11 किरिया ठाणं सत्सतं समुदाणियाणिह ण यो धासमुदाण किरियाहिँ अधिकारी / इणिधणयो अधिगारी सम्मपयुत्तेण भावठाणणं / आह - किं इरि यावहियाकिरियाए धिगारी 1, उच्यते, सासामपयुत्ते ठाणे वढमाणस्स भवत्येवालाई पुण सम्मपयुत्ताई भावठाणाई विस्ती संजमढाणं जोगत्तरियो परिगही पसत्यभावसंघणा यति। एतेसु वढमाणो इरियावट्टियावधी वाभिबंधी वा] होना जो पुण