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________________ ध्यान की विधियां फी दरवेश नृत्य प्राचीनतम और सबसे शक्तिशाली विधियों में से है। यह विधि इतनी गहन है कि एक अकेला अनुभव भी तुम्हें बिलकुल भिन्न कर दे सकता है। दोनों आखें खुली रखकर एक स्थान पर गोल घूमो, जैसे छोटे बच्चे गोल घूमते हैं, जैसे कि तुम्हारे अंतर्माण एक केंद्र बन गए हों और तुम्हारा पूरा शरीर एक पहिया बन कर घूम रहा है, कुम्हार का चाक बन कर घूम रहा है। तुम केंद्र में हो, परंतु सारा शरीर घूम रहा है। व्हिरलिंग ध्यान (सूफी दरवेश नृत्य) यह उपयोगी होगा कि दरवेश नृत्य है लेकिन कम से कम एक घंटे तक रखना है, और बाएं हाथ को नीचे (व्हिरलिंग) शुरू करने से तीन घंटे पूर्व घूमने का परामर्श दिया जाता है ताकि झुकाकर उसकी हथेली को धरती की तक कोई आहार अथवा पेय नहीं लेना आप ऊर्जा के भंवर में पूरी तरह डूबने को ओर उन्मुख रखना है। जिन लोगों को चाहिए। जूते-चप्पल न पहने हों और अनुभव कर सकें। एन्टिक्लॉकवाइज़ घूमने में असुविधा हो वस्त्र ढीले हों तो अच्छा है। ___व्हिरलिंग, गोल घूमने को एक ही वे घड़ी की चाल की दिशा में, __ यह ध्यान दो चरणों में विभाजित स्थान पर घड़ी की चाल के विपरीत, क्लॉकवाइज़-बाएं से दाएं घूम सकते है-गोल घूमना और विश्राम। घूमने के एन्टिक्लॉकवाइज़ दिशा में दाएं से हैं। अपने शरीर को ढीला और आंखों लिए कोई समय अवधि निश्चित नहीं है, बाएं किया जाता है, दाहिने हाथ को को खुला रहने दें, आंखें कहीं केंद्रित न वह घंटों तक भी चल सकता ऊपर उठाकर हथेली को आकाशोन्मुख हों ताकि आकृतियां अस्पष्ट और
SR No.002367
Book TitleDhyanyog Pratham aur Antim Mukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1990
Total Pages320
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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