________________
ध्यान की विधियां
पॉजिटिव,पॉजिटिव से निगेटिव। इस तरह मृत मौन है, कब्रिस्तान का मौन। मृत चलकर यह संतुलन उपलब्ध नहीं किया ऊर्जा सर्किट में घूमती है–विपरीत ध्रुव व्यक्ति मौन है, लेकिन तुम मृत होना नहीं जा सकता। का उपयोग करती हुई।
चाहोगे। मृत व्यक्ति परम मौन में है! कोई यही है अर्थ झेन के प्रयासरहित प्रयास __ मन एक सीधी रेखा में, एक सीधी उसे अशांत नहीं कर सकता, उसकी का। वह विरोधाभासी शब्दों का उपयोग सरल रेखा में गति करता है। वह कभी एकाग्रता परिपूर्ण है। उसके मन को करता है जैसे—प्रयासरहित प्रयास, एक साथ विपरीत में गति नहीं करता; यह विचलित करने के लिए तुम कुछ भी नहीं द्वारहीनद्वार या मार्गशून्य मार्ग। विपरीत का इनकार करता है। मन एक में कर सकते। उसका मन पूर्णतः निष्क्रिय है। झेन हमेशा विरोधाभासी शब्द का तुरंत विश्वास करता है और जीवन का भरोसा यहां तक कि यदि पूरी दुनिया उसके चारों उपयोग करता है, तुम्हें एक संकेत देने के दो में है।
ओर विक्षिप्त हो जाए तो भी वह अपनी लिए कि ध्यान की प्रक्रिया द्वन्द्वात्मक होने मन जो भी निर्मित करता है, वह हमेशा एकाग्रता में थिर रहेगा। फिर भी तुम एक वाली है, एकाकी सीधी रेखा की भांति एक का चुनाव करता है। मन जब मौन का मृत व्यक्ति न बनना चाहोगे। मौन, नहीं। विपरीत का इनकार नहीं वरन उसे चुनाव करता है-मन जब जीवन द्वारा एकाग्रता...या जो भी इसे कहा अवशोषित कर लेना है। विपरीत को निर्मित सारे शोरगुलों से ऊब चुका है और जाए-तुम मृत होना नहीं चाहोगे क्योंकि अलग नहीं हटा रखना है वरन उसका मौन होना चाहता है तब वह हिमालय में यदि मौन हो और मृत भी हो, तो यह मौन उपयोग कर लेना है। अलग हटा रखने पर चला जाता है। तब वह मौन होना चाहता निरर्थक होगा।
वह हमेशा तुम पर एक बोझ बना रहेगा। है; वह किसी प्रकार के शोरगुल से कुछ मौन तो तब घटना चाहिए जब तुम अलग कर देने पर वह तुम्हारे आसपास भी लेन-देन नहीं रखना चाहता। यहां तक पूर्णरूपेण जीवंत हो, प्राणवान हो, जीवन लटका रहेगा। उसका उपयोग न करके तुम कि पक्षियों के गीत भी उसे परेशान करेंगे; और ऊर्जा से आपूरित हो। तब मौन बहुत कुछ चूक जाओगे। वृक्षों से गुजरती हुई हवा की आवाज भी अर्थपूर्ण है। तब मौन की अलग ही ऊर्जा रूपांतरित करके उपयोग की जा उसे बाधा जान पड़ेगी। मन शांति चाहता गुणवत्ता, सर्वथा अलग ही गुणवत्ता होगी। सकती है। और तब, उसका उपयोग करके है; उसने एक रेखा, एक ध्रुव को चुन मौन बुझा-बुझा न होगा। वह जीवंत होगा। तुम अधिक ऊर्जावान और अधिक जीवंत लिया है। अब विपरीत का पूर्णतः नकार वह दो विपरीत ध्रुवों के बीच एक सूक्ष्म बन जाओगे। विपरीत को आत्मसात कर कर देना होगा। संतुलन होगा।
लेना है, तब प्रक्रिया द्वन्द्वात्मक हो जाती ___ अब यह व्यक्ति जो हिमालय में रहता वह व्यक्ति जो एक जीवंत संतुलन, है। है-शांति की खोज में, दूसरों से बचता एक जीवंत मौन खोज रहा है, वह प्रयासशून्यता का अर्थ है: कुछ न हुआ, विपरीत से भागता हुआ—यह हिमालय और बाजार दोनों के बीच गति करते, अक्रिया-अकर्म। प्रयास का अर्थ व्यक्ति मृतवत हो जाएगा; यह निश्चित ही करना चाहेगा। वह बाजार जाना है: बहुत करना, क्रियाएं, कर्म। ध्यान में मंद हो जाएगा। जितना वह मौन का चुनाव चाहेगा-वहां की आवाजों का मजा लेने दोनों का होना जरूरी है। बहुत प्रयास करेगा उतना ही वह जड़ होता जाएगा के लिए; और वह हिमालय जाना करो, लेकिन कर्ता मन बनो-तब तुम क्योंकि जीवन के लिए विपरीत चाहिए, चाहेगा-वहां के सन्नाटे का आनंद लेने दोनों को उपलब्ध हुए। संसार से गुजरो विपरीत की चुनौती चाहिए।
के लिए। वह इन दो विपरीत ध्रुवों के बीच लेकिन संसार के हिस्से मत बनो। संसार एक भिन्न ही प्रकार का मौन है जो दो संतुलन बनाएगा और वह उस संतुलन में में जीओ, लेकिन संसार को अपने भीतर विरोधों के बीच होता है। पहला, उपरोक्त थिर रहेगा। एक सीधी एकांगी रेखा में मत सक्रिय होने दो।